Winter Blood Pressure: सर्दियों में बार-बार बीपी हो जाता है हाई, इन देसी नुस्खों से हमेशा रहेगा कंट्रोल
जब यह दबाव लगातार ज़्यादा बना रहता है, यानी सिस्टोलिक 140 mmHg या उससे ऊपर और डायस्टोलिक 90 mmHg या उससे ज्यादा हो जाता है, तब इसे हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन कहा जाता है। यह दिल और आर्टरीज पर अतिरिक्त बोझ डालता है.
ब्लड प्रेशर कोई स्थिर पैमाना नहीं है. यह उम्र, खान-पान, लाइफस्टाइल और कई बाहरी परिस्थितियों के आधार पर बदलता रहता है. मौसम भी इसका एक बड़ा कारण है, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं.
कई रिसर्च बताते हैं कि ठंड के महीनों में सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों ही प्रेशर अपने हाई लेवल पर पहुंच जाते हैं. गर्मियों में ये नेचुरल रूप से कम हो जाते हैं. यही वजह है कि कई लोगों को सर्दियों में बीपी की समस्या ज्यादा महसूस होती है.
सर्दी में शरीर गर्मी बचाने के लिए ब्लड वेसल्स को संकरा कर देता है. इस प्रक्रिया को वासोकॉन्स्ट्रिक्शन कहा जाता है. वेसल्स संकरी होती हैं तो खून को ज्यादा जोर से पंप करना पड़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है.
ठंड शरीर के तनाव-प्रतिक्रिया मोड को एक्टिव कर देती है. इससे एड्रेनालिन और नॉरएड्रेनालिन जैसे हार्मोन रिलीज होते हैं, जो दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर दोनों बढ़ाते हैं. यह दिल पर ज्यादा दबाव डाल सकता है.
लहसुन, मेथी, फ्लैक्ससीड और गरम पानी जैसी साधारण चीजें भी नसों को रिलैक्स करके बीपी को स्थिर रखने में मदद करती हैं. रोजमर्रा की रूटीन में इन्हें शामिल करने से बीपी बार-बार बढ़ने की समस्या कम हो जाती है.
तुलसी-अदरक की चाय, कम नमक वाला भोजन और हल्की एक्सरसाइज जैसे उपाय सर्दियों में बीपी को कंट्रोल में रखने के लिए बेहद कारगर माने जाते हैं. ये नुस्खे न सिर्फ ब्लड सर्कुलेशन सुधारते हैं बल्कि दिल पर पड़ने वाला अतिरिक्त दबाव भी घटाते हैं.