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ब्लड प्रेशर की इन 5 दवाओं से रहें सावधान, बढ़ा देती हैं स्ट्रोक और किडनी फेलियर का खतरा

कविता गाडरी   |  31 Oct 2025 08:08 AM (IST)
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मिथाइलडोपा दवा से लोगों को सावधान रहना चाहिए. यह दवा पहले हाई ब्लड प्रेशर के इलाज में खूब दी जाती थी. लेकिन अब इसे सिर्फ खास मामलों में जैसे प्रेगनेंसी, इंड्यूस्ड और हाइपरटेंशन में ही प्रयोग किया जाता है. इस दवा को लंबे समय तक लेने पर यह थकान डिप्रेशन और लिवर फंक्शन को प्रभावित कर सकती है. कई लोग इसे सालों तक जारी रखते हैं, क्योंकि यह पहले असर करती थी. लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स धीरे-धीरे गंभीर रूप ले सकते हैं.

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रिसरपिन एक पुरानी ब्लड प्रेशर दवा है जो कांबिनेशन टैबलेट्स में मिलती है. यह दवा दिमाग पर असर डाल सकती है और डिप्रेशन, नींद की कमी और थकान जैसी समस्या पैदा कर सकती है. खासकर जिन लोगों को पहले से स्ट्रेस या एंग्जायटी की समस्या है, उनके लिए यह दवा मेंटल हेल्थ को और खराब कर सकती है.

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क्लोनिडीन का उपयोग इमरजेंसी में किया जाता है. लेकिन यह लंबे समय के लिए सही नहीं है. वहीं इस दवा को अचानक बंद करने पर कुछ ही घंटे में ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ सकता है, जिससे स्ट्रोक का खतरा रहता है. दरअसल शरीर इस दवा पर जल्दी निर्भर हो जाता है, इसलिए डॉक्टरों की निगरानी में ही इसे धीरे-धीरे बंद करना चाहिए.

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हाइड्रलजीन दवा तब दी जाती है, जब बाकी दवाइयां असर नहीं करती है. लेकिन यह सभी मरीजों के लिए सही नहीं होती है. इसके साइड इफेक्ट्स में अनियमित हार्ट बीट, जोड़ों में दर्द और शरीर में सूजन शामिल है. कुछ मामलों में यह लूपस जैसी रिएक्शन भी दे सकती है. इसलिए इसे केवल डॉक्टर की देखरेख में ही लिया जाना चाहिए.

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पुराने बीटा-ब्लॉकर्स जैसे Atenolol या Propranolol अब हाइपरटेंशन के लिए पहली पसंद नहीं है. यह हार्ट रेट को बहुत धीमा कर सकते हैं और इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बिगाड़ सकते हैं. यह दवाएं हार्ट अटैक के बाद या रिदम डिसऑर्डर वाले मरीजों के लिए फायदेमंद है. लेकिन सामान्य मरीजों में थकान, ठंडे हाथ-पैर और कम एक्सरसाइज टॉलरेंस का कारण बन सकती है.

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वहीं ब्लड प्रेशर कंट्रोल सिर्फ नंबर घटाने के बात नहीं बल्कि सेफ्टी की भी बात है. एक ही दवा किसी के दिल के लिए ठीक और किसी के लिए खतरनाक हो सकती ह. ऐसे में पुरानी या रिश्तेदारों की बताई दवा दोबारा लेना खतरनाक हो सकता है. इसलिए हर बार नई दवा लेने से पहले उसका नाम और जानकारी डॉक्टर से जरूर चेक करानी चाहिए.

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