क्या है बायोहैकिंग? लोग गंभीर बीमारी को मात देने के लिए किस तरह कर रहे हैं इसका इस्तेमाल
आपको अपने शरीर को स्वाभाविक रूप से जागने देना चाहिए. आपकी पहली कॉफी का कप आपके जागने के कम से कम कुछ घंटों बाद तक नहीं पीना चाहिए.
आप आसानी से रोजमर्रा की जिंदगी में हल्के बायोहैक या जीवनशैली में बदलाव जोड़ सकते हैं जो स्वस्थ खाने, अधिक व्यायाम करने और तनाव को प्रबंधित करने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं
यह बताना महत्वपूर्ण है कि बायोहैकिंग एक ऐसा तरीका नहीं है जो सभी के लिए उपयुक्त हो. आंतरायिक उपवास, आम तौर पर सुरक्षित होते हुए भी, सभी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है.
कुछ लोगों के समूह, जिनमें बुजुर्ग, गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं और प्रतिरक्षाविहीन लोग शामिल हैं, को सावधानी बरतनी चाहिए और ऐसे आहार आजमाने से पहले अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए.
यह टेक्निक एक नॉन ट्रेडिशनल है. और इस पर मेडिकली मुहर लगा दी गई है. हालांकि इनके पीछे कुछ वैज्ञानिक साक्ष्य है.
बायोहैकिंग आजकल इन दिनों यंग जेनरेशन को काफी ज्यादा यह अट्रैक्ट कर रही है. सेलेब्स से लेकर आम लोग भी इसके तरफ काफी अट्रैक्ट करते हैं.