सही धूप मिलने के बावजूद भी भारतीयों के शरीर में है विटामिन डी की कमी, जानें क्या है इसके पीछे कारण
भारत में विटामिन डी पर कई समुदाय-आधारित अध्ययनों में पाया गया है कि विटामिन डी की कमी की घटना 50 से 94 प्रतिशत तक है.
ऑनलाइन फ़ार्मेसी, टाटा 1mg लैब्स द्वारा किए गए 2023 के सर्वेक्षण में पाया गया कि तीन में से एक भारतीय, या लगभग 76 प्रतिशत आबादी, विटामिन डी की कमी से ग्रस्त है.
25 साल से कम आयु के युवाओं में विटामिन डी की कमी की दर 84 प्रतिशत अधिक थी. 25-40 आयु वर्ग में यह दर 81 प्रतिशत से थोड़ी कम थी.
बाहरी गतिविधियों का अभाव विटामिन डी की कमी के मुख्य कारणों में से एक है.अहमदाबाद के शाल्बी अस्पताल में आपातकालीन चिकित्सा और क्रिटिकल केयर के सलाहकार डॉ. मिनेश मेहता ने इंडिया टुडे को बताया, शहरी क्षेत्रों में रहने वाले अधिकांश लोग अपना अधिकांश समय घर के अंदर. काम पर स्कूल में या यहां तक कि अवकाश गतिविधियों के दौरान बिताते हैं.
धूप में त्वचा के संपर्क को कम करने के लिए सांस्कृतिक प्रथाएं जैसे कि शरीर के अधिकांश भाग को ढकने वाले कपड़े पहनना भी शामिल है.
वायु प्रदूषण भी इसका एक बड़ा कारण है. धुआं, धुंध और धूल की उच्च सांद्रता सीधे सूर्य के संपर्क में आने से रोकती है और UVB किरणों को रोकती है. जो त्वचा के लिए विटामिन डी के उत्पादन के लिए आवश्यक हैं.