Skin Signs of Internal Disease: स्किन पर ये 9 चीजें दिखें तो गलती से भी मत कर देना इग्नोर, इन साइलेंट बीमारियों का लगता है पता
अगर त्वचा या आंखों के सफेद हिस्से में पीलापन नजर आए, तो इसे सिर्फ थकान समझकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. यह पीलिया हो सकता है, जो लिवर से जुड़ी समस्या की ओर इशारा करता है. बड़ों में यह लक्षण दिखे तो जांच कराना जरूरी माना जाता है.
गर्दन या बगल के आसपास अगर गहरे रंग के मोटे और मखमली से धब्बे दिखें, तो यह सिर्फ स्किन की समस्या नहीं होती. कई बार यह इंसुलिन रेजिस्टेंस और डायबिटीज के खतरे का संकेत देता है. बहुत ही रेयर मामलों में इसका संबंध पेट के कैंसर से भी देखा गया है.
चेहरे पर गालों और नाक के ऊपर अगर तितली के आकार जैसा लालपन लंबे समय तक बना रहे, तो यह सामान्य रैश नहीं हो सकता. यह ल्यूपस नाम की ऑटोइम्यून बीमारी का संकेत हो सकता है. इस स्थिति में थकान, जोड़ों में दर्द और बुखार जैसे लक्षण भी साथ दिख सकते हैं.
त्वचा का जरूरत से ज्यादा सूखा रहना और लगातार खुजली होना सिर्फ मौसम की वजह से नहीं होता. अगर क्रीम लगाने से भी आराम न मिले, तो यह थायरॉइड, किडनी या लिवर से जुड़ी परेशानी का संकेत हो सकता है. कई बार यह लक्षण बाकी दिक्कतों से पहले दिख जाता है.
अगर कोई तिल अचानक आकार, रंग या बनावट बदलने लगे, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. ऐसा तिल स्किन कैंसर की चेतावनी हो सकता है। समय रहते पहचान होने पर इसका इलाज संभव होता है, इसलिए ऐसे बदलाव पर डॉक्टर को दिखाना जरूरी है.
बिना किसी चोट के बार-बार नीले निशान पड़ना भी सामान्य बात नहीं है. यह खून जमने की समस्या या विटामिन की कमी का संकेत हो सकता है. कुछ मामलों में यह गंभीर बीमारियों की ओर भी इशारा करता है, इसलिए ध्यान देना जरूरी है.
त्वचा अगर सामान्य से ज्यादा सख्त, मोटी या खिंची हुई लगे, तो यह इम्यून सिस्टम से जुड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है. ऐसी स्थिति में सिर्फ त्वचा ही नहीं, अंदरूनी अंग भी प्रभावित हो सकते हैं. लंबे समय तक दवाइयों का सेवन भी इसकी एक वजह हो सकता है.
अगर त्वचा अचानक बहुत पीली, नीली या स्लेटी सी दिखने लगे, तो यह खून में ऑक्सीजन की कमी का संकेत हो सकता है. दिल या फेफड़ों से जुड़ी समस्या में ऐसा दिख सकता है. वहीं, अगर कोई घाव लंबे समय तक न भरे, तो यह डायबिटीज, खराब ब्लड सर्कुलेशन या कभी-कभी स्किन कैंसर की चेतावनी भी हो सकता है.