ये हैं दुनिया के सबसे 'अनहेल्दी' देश, लोगों ने यहां बीमारी को जिंदगी का हिस्सा समझ लिया है!
'अनहेल्दी' शब्द क्यों इन देशों के लिए इस्तेमाल किया गया, इसकी एक वजह है. ज्यादा प्रदूषण, घटिया हेल्थकेयर सिस्टम, पीने का साफ पानी न मिलना, बाल और शिशु मृत्यु दर, गर्भवती महिलाओं की मौत, जल्दी मौतें हो जाना आदि के आधार पर इस बात की कैलकुलेशन की जाती है कि वो देश 'अनहेल्दी' है या हेल्दी.
ये रिपोर्ट हमने याहू फाइनेंस वेबसाइट से ली है. इसमें बताया गया है कि कैसे कोई देश अनहेल्दी कैटेगरी में आता है. क्योंकि वहां लोगों का मानसिक स्वास्थ अच्छा नहीं होता. मोटापा ज्यादा होता है. शराब लोग ज्यादा पीते हैं. सिगरेट का धुआं उड़ाया जाता है. सरकारें स्वास्थ और लोगों की देखभाल पर खर्च नहीं करतीं इस वजह से कम उम्र में ही लोग मौत के शिकार हो जाते हैं.
इस लिस्ट में 5वें नंबर पर है स्लोवाकिया. यहां हाई ब्लड प्रैशर, हाई ब्लड शुगर वाले काफी मरीज पाए जाते हैं. इसके साथ ही स्मोकिंग बड़ी संख्या में लोग करते हैं. स्वोवाकिया में 2017 के बाद से मौत के ये सबसे बड़े कारण हैं. यहां 15 वर्ष की अधिक उम्र के लोग धूम्रपान करने लग जाते हैं. कुल जनसंख्या में से करीब 30 परसेंट लोग धूम्रपान करते हैं और हेल्थ सिस्टम इनका लचर है.
हंगरी चौथा ऐसा देश है, जहां की 26.4 परसेंट आबादी जरूरत से ज्यादा मोटी है. 2017 के आंकड़ों के मुताबिक यहां होने वाली कुल मौतों में करीब 16 परसेंट अधिक मोटापे के कारण होती हैं. दूसरी सबसे बड़ी बीमारी यहां ब्लड प्रेशर है, जिसकी वजह से मौत होती हैं.
स्लोवाकिया की तरह, लिथुआनिया के निवासी अपने खाने, पीने और धूम्रपान की आदतों के कारण अस्वस्थ हैं. यहां के 26.3% निवासी सामान्य से अधिक वजनीले हैं. यहां 15 साल के होते ही बच्चे शराब पीने लगते हैं. औसतन हर व्यक्ति साल में 15 लीटर शराब पी जाती है. ज्यादा तंबाकू वाले प्रोडक्ट यूज करने के कारण यहां के लोगों की मौत होती है.
इंडोनेशिया में हेल्थकेयर जरूरत के मुताबिक नहीं हैं. इसलिए. इसलिए कई बार यहां जब भी लोग बीमार होते हैं जरूरत के मुताबिक उन्हें इलाज नहीं मिल पाता है और कई बार उनकी मौत हो जाती है. इंडोनेशियो को सबसे ज्यादा धूम्रपान करने वाले देशों में टॉप पर जगह दी गई है.
दुनिया भर में नाइजेरिया सबसे अनहेल्दी देशों में से एक है. यहां सबसे अधिक मातृ मृत्यु दर है. इस देश शिशु मृत्यु दर भी बहुत ज्यादा है. 2015-2017 के बीच 9.1 प्रतिशत बच्चों की 5 वर्ष होने से पहले ही मौत हो गई. नाइजर अभी भी पांच सबसे घातक बीमारियों से जूझ रहा है. यहां मलेरिया, सांस की बीमारी, बच्चों को बीमारी, मेनिन्जाइटिस और तपेदिक के कारण यहां सबसे ज्यादा मौत हुई थी