जिन 5 सब्जियों का दीवाना है पूरा हिंदुस्तान, उनका नाता किसी और देश से है!
हमारे भारतीय किचन में जिन सब्जियों के बिना खाना पक ही नहीं सकता वो तो हमारी हैं ही नहीं. जी हां, आप सोच रहे होंगे इनमें शायद नाम मशरूम, पनीर और शिमला मिर्च का होगा तो आपको बतादें कि यह तो वैसी सब्जियां हैं जिन्हें हम शौक से किसी किसी चीज में उपयोग करते हैं पर आलू, प्याज और टामटर की बात करें तो! जी हां, आलू, प्याज और टमाटर जैसी सब्जियां भी हमारे भारत की असल पैदावार नहीं है.
आइए आज हम आपको इन सब्जियों के इतिहास के बारे में बताएं जो हमारे देश की हैं ही नहीं और इन्हें हम अपना मान बैठै हैं.
लौकी: जिसे हम भारत का मान बैठै है और जिसे वजन कम करने के साथ सेहत के लिए काफी लाभकारी माना जाता है, वह भी भारत की नहीं है. इसे सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में उगाया गया था.
आलू: जिसके बिना शायद ही हमारे भारत में कोई सब्जी पकती हो वो है आलू. समोसे में आलू, चाट में आलू यहां तक की बच्चों की पसंद आलू हमारे देश भारत की असल पैदावार नहीं है. जी हां, इस आलू की उप्पति तो आधुनिक दक्षिण पेरू और उत्तर पश्चिमी बोलीविया में 8000 और 5000 ईसा पूर्व हुई थी. उसके बाद इसने धीरे धीरे ऐसी अपनी पैठ बनाई कि यह कई देशें का राजा बन बैठा है.
टमाटर: टमाटर जिसके बिना भारत के किचन में शायद ही कोई सब्जी पक कर तैयार होती हो. वह भी हमारे भारत की असली पैदावार नहीं है. जी हां, इसके उत्पति के इतिहास में जाएंगे तो आपको पता चलेगा कि यह 5 करोड़ साल पहले अंटार्कटिका में विकसित की गई थी. वैसे टमाटर अमेरिका के जरिए भारत में दाखिल किया है.
प्याज: जिसके बिना कोई सब्जी बनाने की शायद ही कल्पना कर पाता हो वह भी हमारी नहीं है और वह है प्याज. जी प्याज की उत्पत्ति मध्य एशिया में हुई थी.
मकई: मकई जिसे हम बड़े शौक से कोयले पर पका कर नींबू और काला नमक के साथ खाते हैं, वह भी हमारे देश भारत की असल पैदावार नहीं है. इसकी खेती मध्य मेक्सिको में रहने वाले लोगों ने सगसे पहले 7000 साल पहले की थी.