क्या मोबाइल जमीन पर गिरते ही आपको होने लगती है घबराहट और चिंता, जानें किस बीमारी की वजह से होता है ऐसा?
एक्सपर्ट का कहना है कि यह सामान्य आदत नहीं है, बल्कि यह एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety Disorder) या नोमोफोबिया (Nomophobia) का संकेत हो सकता है. इसमें व्यक्ति को मोबाइल खोने या खराब होने का लगातार डर बना रहता है.
नोमोफोबिया एक नई मानसिक समस्या है जो खासकर युवाओं में तेजी से बढ़ रही है. इसमें इंसान को लगता है कि मोबाइल टूटने या खोने से उसकी पूरी दुनिया खत्म हो जाएगी.
ऐसी स्थिति में अचानक दिल की धड़कन तेज होना, पसीना आना, हाथ कांपना और बेचैनी जैसे लक्षण दिख सकते हैं. यह शरीर की प्रतिक्रिया होती है जब दिमाग को खतरे का अहसास होता है.
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह समस्या बार-बार हो रही है तो यह साफ संकेत है कि मोबाइल पर निर्भरता बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है.
इससे बचने के लिए सबसे जरूरी है डिजिटल डिटॉक्स यानी मोबाइल का इस्तेमाल कम करना और समय-समय पर खुद को टेक्नोलॉजी से दूर रखना.
योग, मेडिटेशन और सही दिनचर्या अपनाने से भी चिंता और घबराहट को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
याद रखें, मोबाइल गिरने पर घबराहट सिर्फ गैजेट के टूटने का डर नहीं है, बल्कि यह आपके मानसिक स्वास्थ्य की चेतावनी भी हो सकती है. ऐसे में विशेषज्ञ से सलाह लेना फायदेमंद रहेगा.