लगातार सूख रहा है इन राज्यों का पानी, दिल्ली के इन इलाकों में सबसे ज्यादा खतरा
हरियाणा में इस साल जमीन से निकाले जाने वाले पानी का फर्स्ट स्टेज ऑफ एक्सट्रैक्शन SOE 136 प्रतिशत तक पहुंच गया है. और पंजाब में और भी ज्यादा 164 तक पहुंच चुका है.
हर साल बारिश के वक्त जमीन पानी सोखने लगती है. जिसके कारण वाटर लेवल बढ़ने लगता है. इस पूरे प्रोसेस को ग्राउंड वाटर रिचार्ज कहते हैं. अब कुछ खास तरह के टेक्निकल चीजों का इस्तेमाल के कारण ही ग्राउंड लेवल को बढ़ाया जाता है.
'दि ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में सालाना 9.55 बिलियन क्यूबिक मीटर (bcm) ग्राउंड वाटर रिचार्ज होता है. जबकि साल में निकालने लायक ग्राउंड वाटर 8.69 bcm होता है. इसके बावजूद 2023 में कुल 11.8 bcm ग्राउंड वाटर निकाला गया था.
केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB) के मुताबिक पंजाब में सालाना 18.84 bcm का ग्राउंड वाट रिचार्ज होता है. जिसमें से 16.98 bcm भूजल सालाना निकाला जाता है. इन दिनों सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में स्टेज ऑफ एक्सटैक्शन (SOE) 148.77 प्रतिशत है.
राजधानी में भूजल स्तर में खतरनाक गिरावट के कारण धीरे-धीरे एक अलग तरह का संकट उत्पन्न हो रहा है.शहर में सतह के कुछ हिस्से डूब रहे हैं.जिसे भूमि अवतलन के रूप में जाना जाता है.जिससे अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा भी प्रभावित हो सकता है.
घटते भूजल को लेकर जल शक्ति मंत्रालय (MoJS) ने राज्यों से अपील की है कि वे अपने यहां के किसानों को भूजल का कम उपयोग करने के लिए प्रेरित करें. क्योंकि इससे फसल चक्र भी प्रभावित हो सकते हैं.