चावल को पकाने से पहले उसे क्यों धोते हैं? जानिए इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण
हेड शेफ से लेकर घर महिला तक का मानना है कि चावल को पकाने से पहले धो लेने पर चावल का स्टार्च कम हो जाता है, क्योंकि स्टार्च को सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है.
अधिकतर लोग तो चावल को कुकर मे पकाने के लिए सख्ती से मना करते हैं और खुले बर्तन में उबाल कर पकाने की सलाह देते हैं ताकि उसका माढ़ निकाल सके. क्यूंकि जब मील मे धान से चावल तैयार किया जाता है तब चावल के ऊपर स्टार्च की परत चढ़ जाती है.
रिसोटोस, पाएला, राइसपुडिंग जैसी रेसिपी को तैयार करने के लिए चावल को धोया नहीं जाता है क्योंकि इन रेसिपी मे चिपचिपे प्रभाव की जरूरत होती है. हालांकि इसमे चावल का प्रकार, सेहत संबंधी फायदे या चेतावनी और चावल को पकाने के टाइम को भी कम करना होता है.
एक स्टडी में पाया गया है कि ग्लूटिनस चावल, मध्यम दाने का चावल और जासमीन चावल की किस्मों में चिपचिपी परत स्टार्च के कारण नहीं बल्कि 'एमिलोपेक्टन' के कारण आता है जो पकने के समय निकलता है. इसलिए चावल धोने से इसका कोई संबंध नहीं होता है. ग्लूटिनस चावल को सबसे ज्यादा चिपचिपा और कठोर पाया गया है.
ज्यादातर लोग सफाई के लिहाज से चावल को पकाने से पहले धोना जरूरी मानते हैं ताकि चावल धोने पर उसमे से धूल, कीट, कचरा, छोटे कंकड़ आदि अलग हो जाए. इसके अलावा, चावल में आर्सनिक धातु की थोड़ी अधिक और अवांछित मात्रा पाई जाती है, जो काफी खतरनाक होता है. स्टडी में पाया गया है कि चावल धोने से 90% बायो एक्सेसिबल आर्सनिक निकल जाता है.
रिसर्च मे पाया गया है कि आजकल जो इंस्टैंट राइस आ रहे हैं उनमे सूक्ष्म प्लास्टिक कई तरह से चावल में आ जाते हैं, जिन्हें पकाने से पहले धोने पर चावल मे से 40% सूक्ष्म प्लास्टिक निकल जाता है.
आपको बता दें कि चावल धोने पर उसमे से कॉपर, आयरन, जिंक जैसे पोषक तत्व भी धुल कर निकल जाते हैं. इसलिए जो लोग केवल चावल खाते है, उनकी सेहत के लिए चावल को धोना नुकसानदायक माना जाता है.