Toll Tax on Two Wheelers: बाइक और स्कूटर पर क्यों नहीं लगता टोल टैक्स, जानें क्या है इसके पीछे की वजह?
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम 2008 के नियम 4(4) के तहत दोपहिया और तिपहिया वाहनों को टोल टैक्स में पूरी तरह से छूट है. इस नियम के तहत कानूनी रूप से बाइक और स्कूटर को राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल नहीं देना पड़ता.
टोल टैक्स सड़क निर्माण, मरम्मत और रखरखाव की लागत को वसूलने के लिए लिया जाता है. अब क्योंकि दो पहिया वाहन हल्के होते हैं और साथ ही कम जगह को घेरते हैं, इस वजह से ट्रक या बस जैसे भारी वाहनों की तुलना में यह सड़क की सतह को ना के बराबर ही नुकसान पहुंचाते हैं. इस वजह से सरकार इनसे टोल वसूलना व्यावहारिक या फिर जरूरी नहीं समझती.
भारत में दोपहिया वाहन ज्यादातर मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए परिवहन का सबसे किफायती और आम साधन है. इन वाहनों पर टोल टैक्स लगा देने से लाखों दैनिक यात्रियों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ जाएगा.
सोचिए कि अगर हर बाइक चालक को टोल बूथ पर रुक कर भुगतान करना पड़े तो क्या होगा. इससे लाखों दोपहिया वाहनों से हर दिन टोल वसूलने से यातायात में भारी भीड़भाड़ होगी और टोल प्लाजा पर आवाजाही भी काफी धीमी हो जाएगी.
बाइक या फिर स्कूटर को खरीदते समय मलिक वाहन पंजीकरण के तौर पर पहले से ही एक साथ रोड टैक्स का भुगतान करते हैं. यह टेक्स अप्रत्यक्ष रूप से सार्वजनिक सड़कों और राजमार्ग के इस्तेमाल की लागत को कवर करता है. इस वजह से बाद में टोल भुगतान की जरूरत कम हो जाती है.
प्रशासनिक नजरिया से दोपहिया वाहन से टोल वसूलना उससे होने वाले राजस्व से ज्यादा महंगा होगा. काफी ज्यादा संख्या में बाइकों से छोटी टोल राशि वसूलने के लिए जरूरी जनशक्ति, बुनियादी ढांचा और समय इस खर्च को उचित नहीं ठहराते.