इस देश ने बनाए थे सबसे ज्यादा न्यूक्लियर बंकर, इन्हें फिर से क्यों कर रहा एक्टिव?
परमाणु हमले से अपने लोगों को सुरक्षित रखने के लिए स्विट्जरलैंड की सरकार ने नियम बनाए हैं कि यहां पर कोई भी निर्माण कराना से पहले न्यूक्लियर शेल्टर बनाने पड़ते हैं. रिपोर्ट की मानें तो 88 लाख की आबादी वाले स्विट्जरलैंड में 3.7 लाख से ज्यादा बंकर मौजूद हैं.
स्विट्जरलैंड में स्विस आल्पस की मजबूत चट्टानों को गहराई तक खोदा गया है और इसमें सैकड़ों परमाणु रोधी बंकर बनाए हैं. साथ ही नागरिक और सैन्य सुरंगों का भी एक जाल है. इन बंकरों के गेट टीलों के नीचे की ओर बने हैं. ये दिखने में आम घर जैसे हैं, लेकिन आ असल में वो दो मीटर ऊंची कंक्रीट की दीवारें हैं.
88 लाख की आबादी वाले स्विट्जरलैंड में प्रति व्यक्ति सबसे ज्यादा न्यूक्लियर शेल्टर बनाए गए हैं, जिनकी संख्या करीब 3.7 लाख है. 1963 में बना इस देश का कानून यहां के नागरिकों को परमाणु आपदा या किसी पड़ोसी देश के साथ संघर्ष में बंक बेड की गारंटी देता है.
इस कानून के तहत ऐसी आपात स्थिति के लिए हर व्यक्ति को कम से कम एक स्क्वायर मीटर की जगह दी जानी चाहिए. इसके अलावा यह शेल्टर व्यक्ति के घर से आधे घंटे की दूरी पर या फिर अगर पहाड़ी इलाका तो फिर एक घंटे की दूरी पर होना चाहिए.
स्विट्जरलैंड के नागरिक सुरक्षा कार्यालय के अनुसार ये बंकर परमाणु हमले के साथ-साथ जैविक बमों का हमला भी झेल सकते हैं. ये शेल्टर इतने मजबूत हैं कि अगर उनके ऊपर कोई इमारत गिर जाए तो इसके अंदर छिपे लोगों को कोई नुकसान नहीं हो सकता है. इनमें हवा को साफ करने के लिए भी उपकरण लगे हैं.
वहां के लोगों का कहना है कि उनको नहीं लगता है कि 50-60 साल पहले बने ये बंकर ऐसे हमलों को रोक सकते हैं. यही वजह है कि सरकार अब इस नेटवर्क को और बेहतर व आधुनिक बनाने की कोशिश कर रही है.
इसके लिए 250 मिलियन डॉलर इन्वेस्टमेंट की प्लानिंग की जा रही है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आपातकाल की स्थिति में बंकर इस्तेमाल के लिए तैयार रहें. वहीं अधिकारियों का कहना है कि बंकर में निवेश किसी युद्ध की तैयारी नहीं बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा में किया जाने वाला निवेश है.