झाड़ियों में छिपकर क्यों केंचुली उतारते हैं सांप? नहीं जानते होंगे उनकी कमजोरी
सांपों का जीवन अन्य जीवों से बहुत भिन्न होता है. इनके जीवन की महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है केंचुली बदलना. लगभग हर सांप अपने पूरे जीवनकाल में चार से पांच बार केंचुली बदलता है. यह एक सामान्य प्रक्रिया है.
सांपों के केंचुली बदलने की प्रक्रिया को मोल्टिंग कहा जाता है. एक सांप केंचुली तब बदलता है, जब उसके शरीर में बदलाव हो रहा होता है, जब सांप का शरीर बढ़ता है तो वह केंचुली उतारता है.
सांप के केंचुली उतारने के बाद उसे नई त्वचा मिलती है, साथ ही उसके शरीर पर जमे बैक्टीरिया भी हट जाते हैं, जिससे सांप काफी फुर्तीला महसूस करता है. कहा जाता है कि इसीलिए सांप केंचुली उतारने के बाद काफी खतरनाक हो जाते हैं.
क्या आपको पता है कि सांप केंचुली हमेशा झाड़ियों या फिर किसी जगह छिपकर ही उतारते हैं. दरअसल, केंचुली उतारने की प्रक्रिया कई घंटों से लेकर कई दिनों तक चलती है.
सांप जब केंचुली उतार रहे होते हैं, तो उन्हें काफी दर्द होता है. इसके साथ ही सांप की आंखें सफेद और धुंधली हो जाती है, जिससे उनको दिखना कम हो जाता है. इसलिए सांप छिप जाते हैं, जिससे वे किसी अन्य जानवर का शिकार न हो जाएं.
कहा जाता है कि सांप केंचुली उतारते वक्त सबसे ज्यादा कमजोर होते हैं, एक यह भी वहज होती है उनके छिपकर केंचुली उतारने की.