फाइटर जेट से इजेक्ट होने के बाद पायलट पर क्यों फायर नहीं कर सकता दुश्मन? ये है नियम
अगर फाइटर प्लेन से इजेक्ट होने के बाद अगर वो दुश्मन के इलाके में गिरे तो दुश्मन उस पर फायर क्यों नहीं कर सकता है. इसको लेकर क्या नियम तय किए गए हैं.
दरअसल जिनेवा कन्वेंशन अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून की संधियों का सेट होता है, जो कि युद्ध के दौरान सैनिकों और नागरिकों के साथ किए जाने वाले बर्ताव को तय करता है.
जिनेवा के चार कन्वेंशन हुए थे, जिसमें से तीसरा युद्धबंदियों के साथ मानवीय व्यवहार तय करता है, जिसमें उनकी चिकित्सा देखभाल, आश्रय और पर्याप्त भोजन शामिल है.
इस नियम के अनुसार किसी भी युद्ध बंदी या फिर दूसरे देश के सैनिकों के साथ बर्बरता और महिलाओं के साथ बलात्कार जैसी घटनाएं होती थीं. लेकिन जिनेवा कन्वेंशन के बाद इस नियम को सभी देशों को मानना पड़ता है.
ऐसी स्थिति में दुश्मन देश किसी दूसरे देश के फाइटर जेट से इजेक्ट होकर आए सैनिक को गोली नहीं मारते हैं. बल्कि उनको बंदी बनाते हैं. उनको प्रताड़ना, अपमानित या दंड़ित नहीं करते हैं.
ये बंदी सैनिक दुश्मन देश के पास तब तक रहते हैं, जब तक कि लड़ाई खत्म नहीं हो जाती है. हिरासत में लेने वाला देश उस सैनिक के मुल्क को उसकी जानकारी देते हैं.
युद्ध की समाप्ति के बाद युद्धबंदियों को बिना देरी के रिहा किया जाता है. उनके साथ मानवीय व्यवहार करते हैं और उनकी गरिमा का पालन करते हैं.