Mercury Planet: मंगल पर जाना चाहते हैं सब लेकिन बुध पर जाने से क्यों डरते हैं सभी देश? जानें इसके पीछे की वजह
बुध ग्रह सूर्य से काफी ज्यादा पास है. जिसका मतलब है कि अंतरिक्ष यान को सूर्य के खतरनाक गुरुत्वाकर्षण बल को पार करना होगा. इसके लिए काफी ज्यादा एडवांस्ड नेविगेशन तकनीक और काफी ज्यादा ईंधन की जरूरत होगी. ताकि वह धीरे होकर कक्षा में प्रवेश कर सके.
बुध पर तापमान में उतार-चढ़ाव रहता है. रात के समय यह तापमान -180 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है और दिन में 430 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. ऐसा तापमान किसी भी अंतरिक्ष यान के लिए काफी ज्यादा कठिन परिस्थितियों को पैदा कर देगा.
बुध पर तापमान को नियंत्रित करने या फिर सोलर रेडिएशन से बचने के लिए कोई वायुमंडल नहीं है.
सूरज के इतने पास होने की वजह से इस ग्रह पर काफी ज्यादा तेज सौर हवाएं और कॉस्मिक रेडिएशन आती रहती हैं. ये रेडिएशन बिना किसी मजबूत शील्ड के अंतरिक्ष यान के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को नष्ट कर सकती हैं.
अब तक केवल दो सफल मिशन ही बुध ग्रह तक पहुंच पाए हैं. इससे पता चलता है कि मंगल की तुलना में यहां पर जाना कितना ज्यादा मुश्किल है.
सूरज के गुरुत्वाकर्षण की वजह से इस ग्रह के चारों तरफ कक्षीय गतिशीलता काफी ज्यादा जटिल है. इसके लिए सही रास्ते और मिशन समय के लिए सटीक गणनाओं की जरूरत होती है.