18, 22 या 24 कैरेट में ही क्यों होता है गोल्ड, 19, 21 या 25 कैरेट में क्यों नहीं?
लेकिन जब बात आती है सोने की शुद्धता की, तो हम अक्सर 18, 22 या 24 कैरेट जैसे शब्द सुनते हैं. आखिर ये कैरेट क्या हैं और इन्हीं मानकों तक क्यों सीमित हैं?
कैरेट सोने की शुद्धता मापने की इकाई है. 24 कैरेट सोना 100% शुद्ध होता है, यानी इसमें कोई अन्य धातु नहीं मिलाई जाती.
लेकिन शुद्ध सोना बहुत नरम होता है, जिसके कारण इसे गहनों के लिए उपयुक्त बनाने के लिए तांबा, चांदी या जस्ता जैसी धातुओं के साथ मिलाया जाता है. यही कारण है कि बाजार में 18 कैरेट (75% शुद्ध) और 22 कैरेट (91.67% शुद्ध) जैसे विकल्प मिलते हैं.
22 कैरेट का सोना 22 हिस्से शुद्ध सोना और 2 हिस्से दूसरी धातु. यानी करीब 92 प्रतिशत साफ. 18 कैरेट में 18 हिस्से शुद्ध सोना, यानी 75 प्रतिशत साफ.
यह ज्यादा मजबूत होता है, इसलिए फैशनेबल डिजाइन वाले गहनों में इस्तेमाल होता है. 24 कैरेट सिर्फ सिक्कों के लिए ठीक होता है इससे गहने नहीं बन पाते.
लेकिन सवाल है कि 19 , 21 या 25 कैरेट का गोल्ड क्यों नहीं बनता तो बता दें कि भारत में BIS (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स) सिर्फ 14, 18, 22 और 24 कैरेट को मानता है.
14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषणों में हॉलमार्किंग की अनुमति दी गई है. हॉलमार्क BIS द्वारा जारी एक गुणवत्ता प्रमाण पत्र है जो एक निश्चित आभूषण में सोने की शुद्धता की गारंटी देता है.