Airplane Noise: रात में क्यों नहीं आती हवाई जहाज की आवाज, यह है इसके पीछे की असली वजह
रात में हवाई जहाज आमतौर पर ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए ज्यादा ऊंचाई पर उड़ाए जाते हैं. हवाई जहाज जितनी ज्यादा ऊंचाई पर उड़ता है ध्वनि को उतनी ही दूर तक जाना होता है और जमीन तक आते-आते वह कमजोर हो जाती है.
ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि दिन में मानवीय गतिविधियों की वजह से हवाई जहाज का शोर काफी हद तक छिप जाता है लेकिन रात में क्योंकि आसपास का वातावरण काफी ज्यादा शांत होता है तो दूर की आवाज भी काफी ज्यादा तेज सुनाई देती हैं.
इसके अलावा एक और वजह है कि रात में हवा ठंडी और सघन होती है. बढ़ी हुई डेंसिटी ध्वनि तरंगों को ज्यादा कुशलता से अब्जॉर्ब करती है. इसका मतलब है कि इंजन का शोर तेजी से फैलता है और ज्यादा दूर तक नहीं जाता. जब तक यह शोर और आपके कानों तक पहुंचता है तब तक ज्यादातर शोर गायब हो चुका होता है.
सुबह की तुलना में अंधेरा होने के बाद हवाई अड्डों पर भीड़ कम होती है. हालांकि माल वाहक और लंबी दूरी की उड़ाने रात में संचालित होती है लेकिन दिन के समय की तुलना में उड़ानों की कुल संख्या में काफी ज्यादा कमी आ जाती है.
रात में वायुमंडलीय परिस्थितियों की वजह से ध्वनि तरंगें जमीन से दूर मुड़ सकती हैं. हवा की दिशा या फिर तापमान में बदलाव ध्वनि को ऊपर की तरफ मोड़ सकता है. यही वजह है की सतह पर मौजूद लोगों तक वह आवाज नहीं पहुंचती.
इसके अलावा दुनिया भर के कई हवाई अड्डे ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए रात्रि कर्फ्यू लगते हैं. इस अवधि के दौरान अक्सर आधी रात से सुबह के बीच आसपास रहने वाले निवासियों को कम से कम परेशानी हो इसके लिए वाणिज्यिक उड़ानों को प्रतिबंधित या फिर रीरूट किया जाता है. हालांकि भारत में यह नियम थोड़ा कम सख्त है.