दुनिया में पहली बार किसने किया था 'किस', क्या है इतिहास?
लेकिन मानव विकास और जीवविज्ञान में की गई कई स्टडीज यह संकेत जरूर देती हैं कि किसिंग आधुनिक सभ्यताओं की देन नहीं, बल्कि हजारों साल पुराना व्यवहार है, जो संभवतः इंसानों के विकास के साथ ही पैदा हुआ.
एक आधुनिक वैज्ञानिक अध्ययन में निएंडरथल और होमो सेपियंस के बीच सूक्ष्मजीवों के आदान-प्रदान के प्रमाण मिले हैं. शोधकर्ताओं का मानना है कि अगर दो प्रजातियों के बीच इतने लंबे समय तक माइक्रोब ट्रांसफर होते रहे, तो मानव जैसी निकटता, यानी किसिंग या इसी तरह के व्यवहार का होना काफी संभव है.
यह अनुमान लगभग 40,000 साल पुरानी गतिविधियों की ओर संकेत करता है. इसका मतलब यह नहीं कि किसिंग का आविष्कार निएंडरथल ने किया, लेकिन यह जरूर बताता है कि किसिंग एक बहुत पुराना सामाजिक व्यवहार है.
ह्यूमन डेवलपमेंट एक्सपर्ट्स का मानना है कि किसिंग एक एवोल्यूशनरी बिहेवियर है. कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार किस का प्राकृतिक उद्देश्य दो इंसानों के बीच जैविक संकेत, भरोसा और आकर्षण की पहचान
जब दो लोग किस करते हैं, तो शरीर फेरोमोन और कई केमिकल प्रतिक्रियाओं का आदान-प्रदान करता है, जिससे मस्तिष्क यह पहचानने की कोशिश करता है कि साथी उपयुक्त है या नहीं. यह व्यवहार आज भी देखने को मिलता है, जो साबित करता है कि इंसान हजारों सालों से इस क्रिया का उपयोग सामाजिक रिश्ते बनाने में करते आ रहे हैं.
हालांकि वैज्ञानिक रिकॉर्ड न सही, पर इतिहास की कई सभ्यताओं ने किसिंग या किस जैसे व्यवहारों का उल्लेख किया है. प्राचीन भारतीय ग्रंथ, खासकर कामसूत्र, किसिंग को स्पष्ट रूप से वर्णित करते हैं. मिस्र की सभ्यता में मूर्तियों और दीवारों पर निकटता दर्शाने वाले चित्र मिलते हैं.
रोमन सभ्यता में किस को सामाजिक अभिवादन के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता था. इन स्रोतों से पता चलता है कि किसिंग हजारों सालों से इंसानों की संस्कृति का हिस्सा रहा है. सच यह है कि इसका कोई प्रमाण नहीं है कि दुनिया में सबसे पहली किस किस इंसान ने की. और न ही यह किसी एक सभ्यता की शुरुआत मानी जाती है.