सेना या फिर CRPF, अमरनाथ यात्रा में किसके हाथों में रहती है सुरक्षा की जिम्मेदारी?
बीते 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में हमला हुआ था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी. हमले के बाद कश्मीर घूमने आने वाले यात्रियों में डर का माहौल देखने को मिल रहा है.
वहीं 3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा भी शुरू होने वाली है. इस साल सुरक्षा को लेकर लोगों के मन में बहुत सारे सवाल हैं. चलिए जानें कि अमरनाथ यात्रा में सुरक्षा की जिम्मेदारी किसके हाथों में होती है.
हर साल अमरनाथ यात्रा के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं. उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लोकल पुलिस और सीआरपीएफ के हाथों में होती है.
इस सुरक्षा व्यवस्था में सेना, राज्य पुलिस बल और पैरामिलिट्री फोर्स शामिल होते हैं. लेकिन इस बार अमरनाथ यात्रा कड़ी सुरक्षा में होगी.
इस साल आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मजबूत सिक्योरिटी प्लान तैयार किया गया है. इसमें एक स्पेशल सेंट्रल कमांड सेंटर बनाया गया है, जो कि 24 घंटे निगरानी रखेगा.
इस बार भी अमरनाथ यात्रा में राज्य पुलिस बल, सेना के जवान और सीआरपीएफ तैनात रहेगी. सभी रूटों की डिजिटल मैपिंग की जाएगी, ताकि चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा सके.
सूत्रों की मानें तो इस बार नेशनल हाइवे और जुड़े हुए सभी रूटों के ब्लॉक कर दिया जाएगा और पहली बार सभी रूटों पर जैमर लगाए जाएंगे.