सोना धरती पर तो पैदा नहीं होता, आखिर कहां से आया?
भारतीय परिवारों में आभूषणों के लिए सबसे ज्यादा सोने का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर सोना कहां से आता है और ये बाकी धातुओं की तुलना में इतना महंगा क्यों होता है.
अब सवाल ये है कि आखिर सोना कहां पर बनता है और इसके पीछे का साइंस क्या है. आइंस्टाइन की थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी के मुताबिक दो चीज़ों के विलय से भारी मात्रा में एनर्जी रिलीज़ होती है.
जानकारी के मुताबिक जब भी कोई सितारा अपने जीवन के आखिरी चरण में होता है, तो उसकी कोर ढह जाती है. इससे सुपरनोवा विस्फोट होता है और इसकी परतें स्पेस में फैलती हैं. यही वो वक्त है जब न्यूट्रॉन कैप्चर रिएक्शन होते हैं और पैदा होते हैं.
बता दें कि सोना धरती पर आने की वजह भी दो न्यूट्रॉन तारों की आपस में टक्कर होती है. मैक्स प्लांक इंस्टिट्यूट ऑफ ऐस्ट्रोनॉमी के रिसर्चर्स ने स्पेस में स्ट्रॉन्टियम पाया है कि अन्य एलिमेंट्स भी न्यूट्रॉन कैप्चर रिऐक्शन से पैदा हुए थे. ये स्पेस में इतनी ज्यादा न्यूट्रॉन डेंसिटी के साथ ट्रैवल कर रहे थे कि एलिमेंट्स में फ्री न्यूट्रॉन्स जुड़ने लगे थे. इस तरह स्ट्रॉन्शियम, थोरियम, यूरेनियम और सबसे कीमती सोना भी पैदा हुआ था.
हमारे ब्रह्माण्ड के बनने के बाद ऐसी कई टक्करें हुई हैं, जिनसे स्पेस में फैला सोना हमारी धरती पहुंचा है. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक 1868 में स्पेक्ट्रोस्कोपी की मदद से वैज्ञानिकों ने सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य में हीलियम की खोज की थी. इसके बाद सूर्य के वायुमंडल में कार्बन, नाइट्रोजन और लोहे के साथ-साथ सोना भी खोजा गया था. कहा जाता है कि सूर्य पर 2.5 ट्रिलियन टन सोना है, जो धरती से बहुत ज्यादा है.