सऊदी अरब में शराब पीने पर क्या मिलती है सजा?
साल 1951 में जेद्दा में हुई पार्टी में विदेशों से आए डिप्लोमैट्स भी शामिल हुए थे. वहीं पार्टी में शाही परिवार के सदस्य भी शामिल थे.
शाही परिवार के सदस्य किंग अब्दुल अजीज के बेटे प्रिंस मिशारी बिन अब्दुल अजीज अल सऊद पर शराब का नशा ऐसा चढ़ा कि और शराब पीने से मना करने पर उन्होंने एक ब्रिटिश डिप्लोमैट की गोली मारकर हत्या कर दी.
इसके बाद प्रिंस को हत्या का दोषी माने जाने पर उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. इसके ठीक अगले ही साल यानी 1952 में सऊदी में शराब पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया.
जिसके बाद से ही सऊदी अरब में शराब पीने और रखने पर रोक है. यदि कोई ऐसा करता है तो जुर्माना, कैद, सार्वजनिक रूप से कोड़े मारने और अनाधिकृत विदेशियों का वापस भेजने का कानून है.
बता दें इसके अलावा इस्लाम में भी शराब को हराम माना गया है. मुस्लिम विद्वान कुरान की एक आयात का हवाला देते हैं. जिसमें नशीले पदार्थोें के सेवन को शैतान का काम बताया गया है.