Pregnancy Scam: क्या होता है प्रेग्नेंसी स्कैम, इसमें कैसे फंसता चला जाता है इंसान?
सोशल मीडिया पर एक दिन अचानक कोई विज्ञापन दिखता है कि “जरूरत है ऐसे पुरुष की जो बांझ महिलाओं को प्रेग्नेंट कर सके, लाखों रुपये की कमाई का मौका.” यही वह पहला कदम होता है, जहां ठगों का जाल शुरू होता है.
‘प्रेग्नेंसी स्कैम’ असल में साइबर ठगी का नया ट्रेंड बन चुका है. ठग फेसबुक, टेलीग्राम और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं. वहां से “प्रेग्नेंट जॉब सर्विस”, “हेल्पिंग इनफर्टाइल वूमन” या “डोनेशन प्रोग्राम” जैसे नामों से आकर्षक विज्ञापन डालते हैं.
विज्ञापनों में यह दिखाया जाता है कि कुछ सामाजिक संगठनों या मेडिकल संस्थानों के जरिए यह काम कानूनी रूप से किया जा रहा है. लोगों को यह विश्वास दिलाने के लिए वे नकली सर्टिफिकेट, फर्जी सरकारी दस्तावेज और यहां तक कि किसी बड़े सेलिब्रिटी के नाम से “साइन किए हुए” एग्रीमेंट तक दिखाते हैं.
जब शिकार को यकीन हो जाता है, तो वे उससे रजिस्ट्रेशन फीस, मेडिकल जांच और टैक्स के नाम पर रकम वसूलते हैं. पुणे में हुए इस केस की जांच में खुलासा हुआ है कि इस तरह की ठगी का सबसे बड़ा नेटवर्क बिहार के नवादा जिले से ऑपरेट हो रहा है.
इस स्कैम की सफलता की सबसे बड़ी वजह शर्म और झिझक है. क्योंकि यह मामला प्रेग्नेंसी या यौन विषय से जुड़ा होता है, इसलिए पीड़ित अक्सर पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने से बचते हैं. ठग इसी कमजोरी का फायदा उठाते हैं और कई बार धमकी देते हैं कि आपके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट कर देंगे, इसीलिए डर के मारे पीड़ित और पैसे दे देते हैं.
यह स्कैम सिर्फ पैसे की ठगी नहीं, बल्कि डिजिटल ब्लैकमेलिंग का रूप भी ले चुका है. पीड़ितों के डाटा, सेल्फी और पहचान पत्रों का दुरुपयोग कर आगे फिरौती या अश्लील मटेरियल बनाने के केस भी सामने आ रहे हैं.
दरअसल, यह कहानी सिर्फ एक ठगी की नहीं, बल्कि इस चेतावनी की है कि इंटरनेट के इस खुले बाजार में हर चीज जो चमकती है, वह सोना नहीं होती. कभी-कभी, सबसे अनोखा ऑफर ही सबसे खतरनाक जाल बन जाता है.