क्या होता है कोड ब्लू का मतलब? डाक्टर कब करते हैं इसका इस्तेमाल
अस्पताल में कई बार डॉक्टर्स की टीम कोड ब्लू शब्द का इस्तेमाल तेजी से चिल्लाकर करते हैं. हालांकि अस्पताल में मौजूद मरीज इसका मतलब नहीं समझ पाते हैं. लेकिन बाकी स्टॉफ तुरंत सक्रिय हो जाता है.
बता दें कि भारत समेत दुनियाभर के अस्पतालों में केवल कोड ब्लू ही एक खास स्थिति में नहीं बोला जाता है, बल्कि अलग अलग स्थितियों और जरूरत के हिसाब कोड रेड, कोड येलो जैसे टर्म भी इस्तेमाल किए जाते हैं.
जब भी अस्पताल में आप स्टाफ को कोड ब्लू चिल्लाते हुए सुनते हैं, आप समझ जाइए कि आपातकालीन स्थिति है. इसका मतलब होता है कि हॉस्पिटल में अचानक किसी मरीज की हृदय की स्थिति बहुत खराब हो गई है, उसकी या तो हृदय गति रुकने की स्थिति है या फिर सांस लेने में कठिनाई हो रही है.
आसान भाषा में कहें तो मरीज़ को कार्डियक अरेस्ट या रेस्पिरेटरी अरेस्ट का सामना करता है, तो कोड ब्लू कहा जाता है. जब भी कोड ब्लू कहा जाता है, तो एडवांस्ड कार्डियक लाइफ़ सपोर्ट में प्रशिक्षित डॉक्टरों और नर्सों समेत एक विशेष टीम तुरंत प्रतिक्रिया देती है.
कोड ब्लू चिल्लाने का मतलब ये होता है कि अस्पताल में मौजूद सभी संबंधित स्वास्थ्यकर्मी जल्दी से प्रतिक्रिया दें. उस वक्त मरीज को आवश्यक जीवन रक्षक सहायता प्रदान करना होता है. इसमें डॉक्टर, नर्स, और अन्य चिकित्सा कर्मचारी शामिल होते हैं, जो मरीज की जान बचाने के लिए तुरंत एक्शन लेते हैं.