यहां सच में उल्टी होती है समय की चाल और पश्चिम से निकलता है सूरज, जानें कौन सी जगह है वो?
इस ग्रह का नाम है शुक्र. शुक्र को अक्सर पृथ्वी का जुड़वां कहा जाता है क्योंकि इसका आकार और संरचना पृथ्वी से काफी मिलती-जुलती है, लेकिन इसकी सतह बेहद गर्म है.
यहां का वातावरण घने कार्बन डाइऑक्साइड से ढका हुआ है. यही वजह है कि शुक्र को पृथ्वी की तरह जीवन जीने योग्य ग्रह नहीं माना जाता है. शुक्र ग्रह अपनी धुरी पर पश्चिम से पूर्व की बजाय पूर्व से पश्चिम दिशा में घूमता है.
इस घटना को रिट्रोग्रेड रोटेशन कहा जाता है. इसका मतलब है कि शुक्र पर सूरज पश्चिम से निकलता है और पूर्व में डूबता है. यह हमारी पृथ्वी की उल्टी स्थिति है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि अरबों साल पहले किसी बड़े क्षुद्रग्रह या खगोलीय पिंड की टक्कर से शुक्र का घूर्णन बदल गया. शुक्र ग्रह पर एक दिन बहुत लंबा होता है.
पृथ्वी की तुलना में शुक्र अपनी धुरी पर बेहद धीमी गति से घूमता है. जहां पृथ्वी पर एक दिन 24 घंटे का होता है, वहीं शुक्र पर एक दिन लगभग 243 पृथ्वी दिनों के बराबर होता है.
मजेदार बात यह है कि शुक्र का एक साल, यानि सूर्य के चारों ओर एक चक्कर सिर्फ 225 दिनों में पूरा कर लेता है. इसका मतलब है कि शुक्र पर एक दिन उसकी एक साल से भी लंबा होता है.
वैज्ञानिकों ने लंबे समय तक यह जानने की कोशिश की कि क्या शुक्र पर जीवन संभव हो सकता है, लेकिन यहां का तापमान इतना ज्यादा है कि लेड जैसी धातु भी पिघल सकती है. यहां की सतह का औसत तापमान लगभग 465 डिग्री सेल्सियस है.