दुनिया के नक्शे से मिटने की कगार पर है यह देश, वैज्ञानिकों के भी छूट रहे पसीने
इस देश का नाम है तुवालु. यहां करीब 11,000 लोग रहते हैं, जिन पर अब संकट के बाद मंडराते हुए नजर आ रहे हैं. दुनिया में इतनी तेजी से जलवायु परिवर्तन हो रहा है कि अब यह चेतावनी सा बन गया है.
तुवालु की औसत ऊंचाई सिर्फ 2 मीटर है, जो कि बहुत ज्यादा कम है. नासा की मानें तो यहां पर पिछले 30 साल में समुद्र का स्तर 6 इंच तक बढ़ चुका है, जो कि वैश्विक औसत से डेढ़ गुना ज्यादा है.
नासा का मानना है कि साल 2050 तक तुवालु की राजधानी फुनाफुटी का आधा हिस्सा पानी में डूब सकता है. यहां पर करीब 60 फीसदी आबादी रहती है, जिस पर खतरा मंडरा रहा है.
वैज्ञानिकों की मानें तो साल 2100 तक समुद्र का स्तर और तेजी से बढ़ सकता है और इस वजह से इस पूरे द्वीप पर संकट मंडरा सकता है.
क्षेत्रफल के लिहाज से बात करें तो तुवालू 26 वर्ग किलोमीटर के दायरे में आने वाला दुनिया का चौथा सबसे छोटा देश है.
यह देश समुद्र के बीचो बीच में स्थित है और आसमान से बहुत खूबसूरत नजर आता है, लेकिन यहां रहने वाले लोगों के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं.
पहला तो यह डूब रहा है, दूसरा यहां पर पीने के पानी की दिक्कत है. इसके अलावा लोग सब्जियों के लिए बारिश के टैंकों पर निर्भर हैं. क्योंकि खारे पानी की वजह से भूजल बर्बाद हो गया है. यहां के लोग धीरे-धीरे ऑस्ट्रेलिया में प्रवास कर रहे हैं.