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पृथ्वी को तबाह कर सकता है ये उल्कापिंड, ISRO भी दे चुका है चेतावनी

एबीपी लाइव   |  06 Jul 2024 01:31 PM (IST)
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जानकारी के मुताबिक धरती के लिए अंतरिक्ष से एक बड़ा खतरा आ रहा है. दरअसल 305 मीटर चौड़ा एक एस्टेरॉयड धरती के करीब आने वाला है, जिसका नाम मिस्र के विनाश के देवता एपोफिस के नाम पर रखा गया है.

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अब इसकी स्टडी और ग्रह को बचाने वाले मिशन में हिस्सा लेने का इच्छुक है. इसके इसरो के वैज्ञानिक इसको समझना चाहते हैं.

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इसरो चीफ सोमनाथ ने इसको लेकर कहा कि जब एपोफिस साल 2029 में आएगा, तो हमें इस एस्टेरॉयड पर जाने और उससे मिलने में सक्षम होना चाहिए. उन्होंने कहा कि तब यह पृथ्वी के बेहद करीब होगा. यह मानवता के लिए एस्टेरॉयड के साथ काम करने का एक बार का अवसर है. भारत को ऐसे प्रयासों का हिस्सा बनना चाहिए.

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जानकारी के मुताबिक अभी ये तय नहीं है कि इसमें भारत किस तरह भाग लेगा. एस्टेरॉयड को टाइम कैप्सूल भी कहा जाता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक यह शुरुआती दुनिया के अवशेष हैं. हमारी दुनिया कैसे बनी उसे समझने में इससे मदद मिल सकती है.

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अब सवाल ये है कि क्या धरती से उल्कापिंड टकराएगा. जानकारी के मुताबिक यह उल्कापिंड 13 अप्रैल 2029 को धरती के सबसे करीब आएगा. तब इसकी दूरी 48280 किमी के आस-पास होगी. वहीं इसका आकार 305 मीटर चौड़ा है, जो धरती के करीब होने पर नग्न आंखों से दिखाई देगा.

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वैज्ञानिकों के मुताबिक इसके धरती से टकराने की संभावना फिलहाल ना के बराबर है. लेकिन ऐसा कभी-कभी होता है, जब एक एस्टेरॉयड धरती के इतना करीब आता है. दुनियाभर के वैज्ञानिक इस मौके को गंवाना नहीं चाहते हैं. वह एस्टेरॉयड के जरिए सौर मंडल और उल्कापिंडों से धरती को बचाने वाले तरीके की स्टडी करेंगे.

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इसरो चीफ ने मिशन से जुड़े प्लान को लेकर कहा कि इसमें जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, और नासा के संयुक्त एस्टेरॉयड एपोफिस मिशन पर एक उपकरण लगाया जा सकता है. बता दें कि पहले नासा ने 2022 में डार्ट मिशन के जरिए एक एस्टेरॉयड की दिशा बदल दी थी.

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