UPI पेमेंट का नहीं लगता कोई चार्ज, तो करोड़ों की कमाई कैसे करती हैं Gpay, PhonePe जैसी कंपनियां
आपके दिमाग में भी आखिर यह ख्याल जरूर आया होगा कि फ्री में इस्तेमाल किए जाने वाले ये डिजिटल एप्स बिना किसी प्रोडक्ट की बिक्री के इतना पैसा कैसे कमाते हैं.
इन डिजिटल दिग्गज एप की कमाई एक अनोखे बिजनेस मॉडल से होती है, जो कि ट्रस्ट, स्केल और इनोवेशन पर टिका हुआ है. इन कंपनियों की ज्यादातर कमाई छोटे-छोटे किराना स्टोर्स से होती है.
ये डिजिटल एप्स किराना की दुकानों पर इस्तेमाल होने वाली वॉयस-ऑरपेटिंग स्पीकर सर्विस से कमाई करते हैं. जब भी आप दुकान से सामान खरीदने के बाद पेमेंट करते हैं तो आवाज सुनाई देती है कि फोन पे पर 100 रुपये प्राप्त हुए.
कंपनी दुकानदारों को यह स्पीकर 100 रुपये प्रति महीना किराए पर देती हैं. ये स्पीकर करीब 30 लाख से ज्यादा दुकानों को उपलब्ध कराया गया है, जिससे हर महीने 30 करोड़ और सालाना 360 करोड़ रुपये की कमाई हो रही है.
इसके अलावा ये कंपनियां स्क्रैच कार्ड्स के जरिए भी कमाई कर रही हैं. ये कार्ड्स कस्टमर्स को कैशबैक या फिर कूपन का लालच देते हैं. यह सिर्फ ग्राहकों को लुभाने का तरीका मात्र नहीं है.
ये ब्रांड्स के लिए विज्ञापन का तरीका भी होता है. ये ब्रांड्स अपनी विजिबिलटी और लोगों तक उनकी पहुंच को बढ़ाने के लिए कार्ड्स के लिए पेमेंट करते हैं. गूगल पे और फोन पे को इसके जरिए दोहरा फायदा होता है.
अगला इनका दिलचस्प पहलू होता है SaaS और लेंडिंग सर्विसेस पर. इन कंपनियों ने UPI को सिर्फ एक पेमेंट टूल नहीं रहने दिया, बल्कि छोटे बिजनेस के लिए भी कंप्लीट सॉल्यूशन बना दिया है.