पानी के शिप में नहीं होता है ब्रेक, जानिए किस तकनीक से रुकता है ये?
वहीं सड़क पर जब भी कोई वाहन चलता है, तो उसे कई बार अचानक ब्रेक लगाना पड़ता है. जिससे गाड़ी तुरंत रुक जाती है. लेकिन पानी वाले शिप में ऐसा नहीं होता है. स़ड़क के वाहनों में ब्रेक घर्षण का इस्तेमाल करके रोका जाता है.
इतना ही नहीं फ्लाइट में भी ब्रेक होता है. आपने देखा होगा कि उड़ान भरने के लिए फ्लाइट रन वे पर दौड़ती है, वहीं फ्लाइट को लैंडिंग करते समय तेज ब्रेक लगाने की जरूरत पड़ती है. जिससे फ्लाइट रन वे पर उतरता है.
अब सवाल ये है कि जब समुद्र में शिप चलती है, तो आखिर उसे कैसे रोका जाता है. क्योंकि शिप में ब्रेक नहीं होता है. लेकिन किसी भी बंदरगाह या किनारे पर पहुंचने पर उसे रोकना पड़ता ही है.
बता दें कि पानी की जहाजों को उस तरह से नहीं रोका जा सकता है, जैसा कि सड़क के वाहनों को ब्रेक लगाकर रोका जा सकता है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि पानी में घर्षण या रगड़ उस तरह से काम नहीं कर पाता है, जैसा की वह सड़क पर चलने वाले वाहनों के साथ करता है.
इसलिए पानी के जहाजों में ब्रेक नहीं होता है. ऐसे में उन्हें रोकने के लिए कुछ उपाय किए जाते हैं. बता दें कि पानी के जहाज को रोकने का पहला तरीका लंगर डालना होता है. यह खास आकार की एक बहुत ही वजनदार धातु की चीज होती है, जो जहाज के आकार के मुताबिक एक भारी चेन से जुड़ी होती है.
जहाज को रोकने के लिए लंगर को पानी में छोड़ा जाता है. जो सीधी पानी की तलहटी में जाकर बैठ जाता है, जिसके वजन के कारण जहाज आगे नहीं बढ़ पाता है.
इसके अलावा जहाज को धीमा करने के लिए एक कारगर तरीका जहाजों में रिवर्स गियर में डाला जाता है. जिससे चलता हुआ जहाज पीछे की ओर जाने की कोशिश करता है और उसकी रफ्तार धीमी होती जाती है.
इसके अलावा तीसरा तरीका जहाज को उलटी दिशा में मोड़ा जाता है. जिससे बहती हवा ही जहाज को रोक देती है. जहाज को रोकने के लिए इन्हीं तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है.