Richest Planet In Space: ये है अंतरिक्ष का सबसे अमीर ग्रह, हर दिन होती है हीरे की बारिश
यूरेनस और नेपच्यून का वातावरण मीथेन गैस से भरा हुआ है. यही वजह है कि इन ग्रहों पर हीरों की बारिश होती है. मीथेन में कार्बन होता है और इन ग्रहों पर मौजूद काफी ज्यादा दबाव और तापमान की स्थितियों में मीथेन के मॉलेक्युल्स टूट जाते हैं. यह कार्बन पार्टिकल्स के निर्माण का पहला चरण होता है जो बाद में हीरे का निर्माण करते हैं.
यूरेनस और नेपच्यून के आंतरिक भाग में पृथ्वी के वायुमंडल से लाखों गुना ज्यादा दबाव और कुछ परतों में हजारों डिग्री सेल्सियस तक के तापमान होते हैं. यह सैपरेटेड कार्बन को हीरे के क्रिस्टल में परिवर्तित करने के लिए काफी ज्यादा जरूरी है.
जब मीथेन के मॉलेक्युल्स तीव्र वातावरण की वजह से टूटते हैं तो कार्बन एटम्स अलग हो जाते हैं और एक साथ समूह बनाने लगते हैं.
एक बार जब कार्बन एटम हीरे के क्रिस्टल में विलीन हो जाता है तो गुरुत्वाकर्षण उन्हें ग्रह की गहरी परतों की ओर गिरने देता है. इसे वैज्ञानिक हीरे की बारिश कहते हैं.
आपको बता दें कि यूरेनस और नेपच्यून जीवन के लिए काफी ज्यादा प्रतिकूल हैं. यहां का तापमान लगभग - 200 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है और वायुमंडलीय दबाव मनुष्यों या फिर पृथ्वी आधारित उपकरणों की क्षमता से कहीं ज्यादा है. यही वजह है कि इन हीरों को मानव उपयोग के लिए इकट्ठा करना असंभव है.
अत्यधिक दबाव, जमा देने वाला तापमान और प्रतिकूल वातावरण इन हीरों को पृथ्वी पर लाना लगभग असंभव ही बना देता है. इस वजह से ये हीरे मानव पहुंच से बहुत दूर हैं.