इकलौता रेलवे स्टेशन जहां संडे को नहीं बजती ट्रेन की सीटी, जानें क्यों खास है यह स्टेशन
यह रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले के पास स्थित है. बर्धमान से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित यह स्टेशन रोजाना यात्री ट्रेनों के लिए इस्तेमाल नहीं होता है.
यहां केवल बांकुड़ा-मासाग्राम पैसेंजर ट्रेन ही रुकती है, लेकिन हफ्ते में एक दिन यानी रविवार को यह ट्रेन भी नहीं आती और स्टेशन पर पूरी तरह सन्नाटा रहता है.
इसका कारण भी काफी दिलचस्प है. दरअसल रविवार को स्टेशन मास्टर को ट्रेन के लिए टिकट खरीदने के लिए बर्धमान शहर जाना पड़ता है. इस वजह से स्टेशन पर टिकट काउंटर और सभी सेवाएं उस दिन बंद रहती हैं.
यही वजह है कि इस स्टेशन पर संडे की छुट्टी रहती है. इसी स्टेशन की एक और खासियत यह है कि इसका कोई आधिकारिक नाम नहीं है. हालांकि टिकटों पर अब भी पुराने समय का नाम रैनागर ही छपा हुआ है.
यानी अगर आप इस स्टेशन से ट्रेन लेना चाहें, तो टिकट पर यही नाम दिखाई देगा. नाम न होने के बावजूद यह स्टेशन स्थानीय यात्रियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बांकुड़ा और मासाग्राम के बीच सफर करने वालों का छोटा, लेकिन जरूरी पड़ाव है.
रिपोर्ट्स की मानें तो ऐसे छोटे स्टेशन अक्सर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में बनाए जाते थे, ताकि स्थानीय लोगों को ट्रेन सेवा का लाभ मिल सके.
हालांकि आधुनिक समय में बड़े नेटवर्क और डिजिटल टिकटिंग ने इनकी अहमियत बदल दी है, फिर भी यह स्टेशन पुराने समय की याद दिलाता है.