Cricket Pitch Length: 22 गज ही क्यों होता है क्रिकेट का मैदान, इससे कम या ज्यादा क्यों नहीं?
क्रिकेट की शुरुआत 16वीं शताब्दी में इंग्लैंड में हुई थी. शुरुआत में पिच के लिए कोई निश्चित माप नहीं था. उस वक्त पिच 20 से 24 गज के बीच कुछ भी हो सकती थी.
इंग्लैंड में गंटर नाम के एक व्यक्ति ने 100 कड़ी वाली लोहे की जंजीर बनाई थी. इसका इस्तेमाल जमीन को मापने के लिए किया जाता था. यह जंजीर 22 गज लंबी थी.
इंग्लैंड में ग्राउंड्समैन मैदानों को मापने के लिए उसे जंजीर का इस्तेमाल करते थे. बस तभी से पिच की लंबाई 22 गज की तय कर दी गई.
साल 1744 में खेल के नियमों को आधिकारिक रूप दिया गया. इन नियमों के तहत 22 गज की पिच को आधिकारिक तौर पर मानक लंबाई के रूप में अपना लिया गया.
22 गज का मैदान बल्लेबाजी और गेंदबाजी के बीच संतुलन बनाने के लिए एकदम सटीक होता है. पिच का बहुत लंबा या फिर बहुत छोटा होना किसी एक पक्ष के लिए असमान रूप से फायदेमंद होगा.
एक सपाट पिच बल्लेबाजों के लिए फायदेमंद होती है, हरी पिच अतिरिक्त उछाल और स्विंग देकर गेंदबाजों के लिए फायदेमंद होती है. इसी के साथ टर्निंग पिच स्पिन गेंदबाजों को फायदा देती है. 22 गज की पिच सभी तरह की चुनौतियों के लिए एक समान भूमिका निभाती है.