IMF Funding: दुनिया को कर्ज देता रहता है IMF, लेकिन इसके पास कहां से आता है पैसा?
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड का सबसे बड़ा और सबसे स्थिर स्रोत इसके सदस्य देशों द्वारा दिए गए कोटा सब्सक्रिप्शन से आता है. इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड में शामिल होने वाले हर देश को एक तय राशि का योगदान देना होता है. इसे कोटा कहा जाता है. इसका इस्तेमाल इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड संकट में फंसे देशों को लोन देने के लिए करता है.
कोटा सिर्फ पैसे के बारे में नहीं है. यह इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड के अंदर वोटिंग पावर भी तय करते हैं. जो देश ज्यादा योगदान देते हैं इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड के फैसलों, लोन अप्रूवल और पॉलिसी दिशा में उनकी बात ज्यादा सुनी जाती है.
जब देश अपना कोटा चुकाते हैं तो वह सारा पैसा डॉलर में नहीं देते. कोटे का कुछ हिस्सा अमेरिकी डॉलर, यूरो या फिर येन जैसी अंतर्राष्ट्रीय रिजर्व मुद्राओं में दिया जाता है. इसी के साथ बाकी हिस्सा देश की अपनी स्थानीय मुद्रा में दिया जाता है.
2008 के वित्तीय संकट या फिर कोरोना महामारी जैसे बड़े वैश्विक वित्तीय झटकों के दौरान अकेले सदस्य देशों का कोटा काफी नहीं हो सकता. ऐसी स्थिति में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड आर्थिक रूप से मजबूत देश से अतिरिक्त फंड उधार लेता है. यह उधार अस्थायी होता है और इसका इस्तेमाल तभी किया जाता है जब इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड लोन की वैश्विक मांग तेजी से बढ़ती है.
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड के इमरजेंसी फंडिंग टूल्स में से एक है न्यू अरेंजमेंट्स टू बॉरो. इस सिस्टम के तहत अमीर सदस्य देशों का एक ग्रुप एक्स्ट्रा फंड देने के वादा करता है, अगर इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड को फंड की कमी होती है. न्यू अरेंजमेंट्स टू बॉरो एक फाइनेंशियल शॉक एब्जॉर्बर की तरह काम करता है. इससे इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड अपने मुख्य स्ट्रक्चर को डिस्टर्ब के बिना दुनिया भर के संकटों के दौरान बड़े पैमाने पर लोन देता है.
न्यू अरेंजमेंट्स टू बॉरो के अलावा इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड कुछ खास देश के साथ द्विपक्षीय लोन एग्रीमेंट को भी साइन करता है. यह सीधे लोन अरेंजमेंट होते हैं जिसमें कोई देश एक तय समय के लिए इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड को पैसे उधार देता है.