इस देश में स्पर्म डोनेट करके हर महीने 400 पाउंड कमा रहे स्टूडेंट्स, क्या भारत में भी कर सकते हैं ऐसा?
विश्व के कुछ देशों में छात्र अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए एक अनोखा तरीका अपना रहे हैं, स्पर्म डोनेशन. चीन और इजराइल जैसे देशों में यह खासकर लोकप्रिय हो गया है. इन देशों के स्पर्म बैंकों ने छात्रों को आकर्षित करने के लिए नकद पुरस्कार और सब्सिडी की पेशकश भी शुरू कर दी है.
चीन में स्पर्म डोनेशन को बढ़ावा देने की मुख्य वजह घटती जनसंख्या है. शंघाई के एक स्पर्म बैंक ने छात्रों को $1,000 (लगभग 83,000 रुपये) तक की पेशकश की है. इसका मकसद युवा पुरुषों को बैंक की सेवाओं के लिए प्रोत्साहित करना है.
यहां छात्र केवल स्पर्म डोनेट करके महीने के अंत में अच्छे खासे पैसे कमा सकते हैं, जो उनके कॉलेज खर्च और जीवनशैली में मददगार साबित होते हैं.
इजराइल में स्थिति थोड़ी अलग है. यहां स्पर्म डोनेट करने वाले पुरुष प्रति माह $1300 (लगभग 1,08,000 रुपये) तक कमा सकते हैं. हालांकि, हर आवेदन स्वीकार नहीं किया जाता है.
रिपोर्टों के अनुसार, केवल लगभग 30% आवेदक ही डोनर बनने में सफल हो पाते हैं. इसका कारण कड़ी स्क्रीनिंग प्रक्रिया और मेडिकल टेस्ट हैं.
भारत में स्थिति थोड़ी अलग और सीमित है. एक स्पर्म डोनर प्रति डोनेशन 500 से 2,000 रुपये तक कमा सकता है. औसत हिसाब से, मासिक कमाई 4,000 से 15,000 रुपये तक हो सकती है.
भारत में यह प्रक्रिया पूरी तरह कानूनी है, लेकिन डोनर के लिए कुछ स्वास्थ्य और उम्र संबंधी शर्तें निर्धारित हैं. इसके अलावा, भारत में बड़े पैमाने पर प्रचार या सब्सिडी जैसी सुविधा नहीं है, इसलिए यह तरीका वहां अपेक्षाकृत कम आम है.