व्हील पर टायर चढ़ाने के लिए उसमें आग लगाने वाले वीडियो बहुत देखे होंगे, समझिए इसके पीछे का विज्ञान क्या है
मकैनिक टायर को रिम पर चढ़ाने के लिए टायर में एक बोतल से स्प्रे करता है और फिर उसमें आग लगा देता है, जिससे एक ही झटके से टायर रिम पर सेट हो जाता है. दरअसल, जिस स्प्रे बोतल को टायर में स्प्रे किया जाता है, उसमें एक हाइली फ्लेमेबल सब्सटेंस यानी अति ज्वलनशील पदार्थ भरा होता है. पहले मैकेनिक बोतल से इस फ्लेमेबल सब्सटेंस को टायर में अच्छे से स्प्रे कर देता है. यह पदार्थ गैसीय रूप में होता है और पूरे टायर में फैल जाता है.
उसके बाद बोतल की ओर खुद की टायर से थोड़ी दूरी बनाकर उसमें आग लगा दी जाती है. जैसे ही यह आग टायर के भीतर पहुंचती है, उसने गैसीय रूप में मौजूद ये फ्लेमेबल सब्सटेंस एडपैंड हो जाता है, यानी तेजी से इसका आयतन बढ़ता है, जिससे टायर प्रेशर से रिम पर चढ़ जाता है.
इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि जब किसी गैस सिलिंडर में आग लगती है तो वह फट जाता है, लेकिन सिलिंडर तब तक नहीं फटता है जब तक कि आग उसके अंदर नहीं पहुंच जाती. जब सिलिंडर में गैस थोड़ी कम होती है और प्रेशर कम रहता है तो आगे सिलेंडर के भीतर घुस जाती है जिसके बाद अंदर मौजूद गैस तेजी से एक्सपैंड होती है और सिलिंडर फट जाता है.
आग से टायर चढ़ाने के पीछे भी यही सिद्धांत काम करता है. जब आग टायर में मौजूद फ्लेमेबल सब्सटेंस तक पहुंचती है तो वह तेजी से एक्सपैंड होता है और टायर को रिम पर चढ़ा देता है.
गौरतलब है कि ऐसा किसी भी टायर के साथ नहीं नहीं होता है. इस तरह सिर्फ ट्यूबलेस टायर को ही चढ़ाया जा सकता है.