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Salute Rules: सैल्यूट करने का क्या है सही तरीका, जानें इसको लेकर क्या हैं नियम

एबीपी लाइव   |  30 Mar 2024 09:43 PM (IST)
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गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के परेड में आपने अक्सर देखा होगा कि भारतीय आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के जवान जो देश के राष्ट्रपति और चीफ गेस्ट को सैल्यूट करते हुए आगे बढ़ते हैं. उन सभी जवानों के सैल्यूट करने के तरीके में फर्क होता है.

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बता दें कि भारतीय सेना के जवान जब सैल्यूट करते हैं तो उनकी हथेली खुली होती और सामने वाली की तरफ पूरी तरह से घूमी होती है. ये सैल्यूट हमेशा उसी हाथ से किया जाता है, जिस हाथ से सैनिक हथियार पकड़ते हैं और उंगलियां बिल्कुल सीधी होती है. वहीं हथेली भौं तक को छूती हैं या हैट के बैंड को छूती हैं. इस तरह सैल्यूट करने का अर्थ होता है कि सैनिक खाली हाथ है, उसने हथियार कहीं भी नहीं छुपाया है और वो बिना किसी दुर्भवाना से सामने वाले को सैल्यूट कर रहा है.

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आर्मी की तुलना में नेवी के जवानों का सैल्यूट अलग होता है. बता दें कि नेवी अधिकारियों के हाथ 90 डिग्री एंगल में जमीन की तरफ झुके रहते हैं. वो अपनी हथेली सामने वाले इंसान को नहीं दिखाते हैं. इसका अर्थ ये होता है कि जो जवान शिप पर काम करते हैं या सेलर होते हैं, उनके हाथ अक्सर ग्रीज, तेल आदि के चलते गंदे रहते हैं, तो इसलिए वो अपने गंदे हाथों को किसी के सामने नहीं दिखाते हैं.

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भारतीय वायुसेना के सैल्यूट में आर्मी और नेवी से थोड़ा ही फर्क है. स्कूपव्हूप वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2006 में भारतीय वायुसेना ने सैल्यूट के नए नियम बनाए थे. सैल्यूट के इस तरीके में हथेली को जमीन से 45 डिग्री पर रखना पड़ता है. हथेली का अगला हिस्सा विमान की तरह ऊपर की तरफ उठा रहता है. इससे पहले एयरफोर्स और आर्मी के सैल्यूट एक जैसे होते थे.

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पुलिस मैनुअल के हिसाब से भी सैल्यूट करने के भी कई तरीके हैं. जैसे शारीरिक अक्षमता के कारण दाएं हाथ से सैल्यूट नहीं कर सकते हैं, तो बाएं हाथ का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं किसी अंत्येष्टि क्रिया में शामिल होने वाले अफसर और जवान शव की ओर दाहिने या बाएं देखकर सैल्यूट करेंगे. इसके अलावा अगर कोई पुलिस अफसर बिना शस्त्र के घोड़े पर सवार है तो वो दाहिने हाथ से सैल्यूट करेगा. पुलिसकर्मी आमतौर पर सामने की ओर से सैल्यूट करते वक्त दाहिना हाथ सीधे रखते हैं. इस दौरान ध्यान रखने वाली बात यह भी है कि बांह का ऊपरी हिस्सा आड़ा हो और साइड से समकोण बनाता है. बांह का आगे वाला हिस्सा, कलाई और अंगुलियां एक सीध में होनी चाहिए.

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