यहां है भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील, इन पक्षियों के लिए है बेहद खास
धरती पर पीने के लिए साफ और मीठे पानी का ज्यादातर हिस्सा ग्लेशियर और ध्रुवीय बर्फ के रूप में जमा हुआ है. वहीं 0.6% फीसदी पानी ही नदियों, झीलों और तालाबों में पीने के लिए है.
धरती पर करीब 97 फीसदी पानी सॉल्ट वॉटर के रूप में है, जो कि पीने के लिए तो नहीं है. भारत में सबसे ज्यादा खारे पानी की बात करें तो वो समुद्र में पाया जाता है.
लेकिन समुद्र से भी ज्यादा खारा पानी राजस्थान स्थित सांभर झील में पाया जाता है. यह अजमेर, जयपुर और नागौर में है.
इस झील का पानी यहां इतना नमकीन है कि इससे नमक बनाया जाता है. इसके अलावा बाड़मेर की पचपदरा झील और महाराष्ट्र की लोनार झील में भी खारा पानी है.
इस झील में सोडियम क्लोराइड की ज्यादा मात्रा है, इसलिए इससे कुल नमक का लगभग 10 फीसदी तक उत्पादन होता है.
इस झील की सॉल्ट कंसंट्रेशन समुद्री पानी से भी ज्यादा हो सकती है, इसे ही हाइपरसैलिन कहा जाता है. इसकी एक बूंद ही खारेपन का एहसास करा देती है.
यह झील प्रवासी पक्षियों जैसे कि फ्लेमिंगो बर्ड्स के लिए बहुत खास है. इस झील से हर साल लाखों टन नमक निकाला जाता है.