'पीसा की मीनार' से भी ज्यादा झुका है अपने देश का ये मंदिर, इसमें सालभर भरा रहता है पानी
रत्नेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक हिंदू मंदिर है, जो भारत के उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मणिकर्णिका घाट पर गंगा नदी के किनारे स्थित है. यह मंदिर अपने 9 डिग्री झुकाव के लिए जाना जाता है.
मंदिर के निर्माण को लेकर कई मतभेद हैं. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 11वीं या 12वीं शताब्दी में गहड़वाला राजवंश के शासनकाल के दौरान हुआ था. वहीं, कुछ स्त्रोतों का.कहना है कि इसे 19वीं शताब्दी में बनाया गया था.
इसका निर्माण वास्तुकला की नागर शैली में किया गया है. इसका शिखर लगभग 50 फीट की ऊंचा है. यह मंदिर लाल बलुआ पत्थर से बना है और इसके बाहरी हिस्से को जटिल नक्काशी से सजाया गया है.
गर्मी के महीनों में गंगा का जलस्तर कम हो जाता है, इसके अलावा यह मंदिर सालभर गंगा नदी में आंशिक रूप से डूबा रहता है. बताया जाता है कि मंदिर का झुकाव नदी के पानी के कारण है, जो सदियों से धीरे-धीरे इसकी नींव को नष्ट कर रहा है.
रत्नेश्वर महादेव मंदिर अपने झुकाव के अलावा अपनी दो किंवदंतियों के लिए भी जाना जाता है. एक किंवदंती मान सिंह नाम के एक लड़के की कहानी बताती है, जिसने अपनी माँ के प्यार का बदला चुकाने के लिए मंदिर का निर्माण कराया था.
दूसरी किंवदंती रत्ना बाई नाम की एक महिला की कहानी बताती है, जिसने अपने बेटे द्वारा अपने प्रेमी से शादी करने से इनकार करने के बाद मंदिर को श्राप दिया था.
यह मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल है. इस मंदिर को मातृ-ऋण महादेव मंदिर या वाराणसी के झुके हुए मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.