Pahalgam Terror Attack: क्या होता है कलमा? जिसे पढ़ने वालों को पहलगाम में आतंकियों ने नहीं मारी गोली
पहलगाम आतंकी हमले के बाद अब वहां मौजूद लोग इस पूरे आतंक की कहानी बयां कर रहे हैं, इनमें से कुछ लोगों का दावा है कि आतंकियों ने धर्म पूछकर गोलियां मारी हैं.
लोगों का कहना है कि आतंकी सभी से उनका नाम पूछ रहे थे और धर्म का भी पता लगा रहे थे, जो लोग बोल रहे थे वो मुस्लिम हैं, उनसे आतंकी कलमा पढ़वा रहे थे.
जिन लोगों ने कलमा पढ़ना शुरू कर दिया, आतंकियों ने उन्हें गोली नहीं मारी. ऐसे में अब कई लोगों के मन में सवाल है कि आखिर ये कलमा क्या है.
दरअसल कलमा इस्लाम का एक जरूरी हिस्सा है, ये एक तरह की शपथ होती है और इस्लाम में आने से पहले इसे पढ़ना जरूरी होता है. इसमें उर्दू में कहा जाता है कि अल्लाह के अलावा कोई भी इबादत के लायक नहीं होता है.
कलमा दो हिस्सों में पढ़ा जाता है, आमतौर पर इस्लाम मानने वाले सभी लोगों को कलमा मुंह जुबानी याद होता है और वो इसका उच्चारण रोजाना करते हैं.
फिलहाल पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को सेना और पुलिस तलाश रही है, बताया जा रहा है कि जल्द इन्हें इनके किए की सजा मिल सकती है.