नई आबकारी नीति लागू होने के बाद यूपी में कितनी महंगी हो जाएगी शराब, इस पर कितना कमाएगा दुकानदार
उत्तर प्रदेश सरकार आगामी वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए नई आबकारी नीति लागू करने की तैयारी में है. यह नीति 1 अप्रैल से प्रभावी होगी और इसके साथ ही शराब की कीमतों में बढ़ोतरी लगभग तय मानी जा रही है.
आबकारी विभाग का उद्देश्य साफ है, राज्य के राजस्व को मजबूत करना. पिछले कुछ वर्षों में शराब बिक्री से यूपी सरकार को बड़ी आमदनी हुई है और नई नीति के जरिए इस कमाई को और बढ़ाने की योजना बनाई गई है.
प्रस्तावित नीति के तहत कीमतों में बढ़ोतरी अलग-अलग श्रेणियों में होगी. अनुमान है कि अंग्रेजी शराब के क्वार्टर की कीमत 15 से 20 रुपये तक बढ़ सकती है. हाफ बोतल पर करीब 50 रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है, जबकि फुल बोतल 100 रुपये तक महंगी हो सकती है.
हालांकि यह बढ़ोतरी सभी ब्रांड्स पर समान रूप से लागू नहीं होगी. प्रीमियम और महंगे ब्रांड्स पर इसका असर ज्यादा दिखने की संभावना है, जबकि सस्ते और रेगुलर ब्रांड्स को अपेक्षाकृत राहत देने की कोशिश की जाएगी.
सरकार और आबकारी विभाग दोनों इस बात को लेकर सतर्क हैं कि कीमतों में अत्यधिक बढ़ोतरी उपभोक्ताओं को अवैध शराब की ओर न धकेल दे. यही वजह है कि देसी और लो-कॉस्ट सेगमेंट पर ज्यादा दबाव डालने से बचने की रणनीति बनाई जा रही है.
बीते अनुभव बताते हैं कि जब भी सस्ती शराब के दाम तेजी से बढ़े हैं, अवैध शराब का कारोबार पनपा है, जिससे राजस्व के साथ-साथ कानून व्यवस्था पर भी असर पड़ा है.
नई आबकारी नीति के साथ दुकानदारों की कमाई को लेकर भी चर्चा तेज है. आमतौर पर शराब की कीमत बढ़ने पर यह माना जाता है कि दुकानदार का मुनाफा बढ़ेगा, लेकिन हकीकत थोड़ी अलग होती है.
दुकानदार का कमीशन तय मार्जिन पर आधारित होता है, जो नीति में निर्धारित रहता है. कीमत बढ़ने से कुल बिक्री मूल्य जरूर बढ़ेगा, लेकिन यह जरूरी नहीं कि मुनाफे का प्रतिशत भी उसी अनुपात में बढ़े. हालांकि प्रीमियम ब्रांड्स की बिक्री बढ़ने पर दुकानदार को प्रति बोतल ज्यादा रकम मिलने की संभावना रहती है.
आबकारी विभाग का दावा है कि बढ़े हुए शुल्क और कीमतों से राज्य के राजस्व में उल्लेखनीय इजाफा होगा. शराब पहले ही यूपी सरकार की आय का बड़ा स्रोत है और नई नीति के बाद इससे होने वाली कमाई और मजबूत होने की उम्मीद है. सरकार का मानना है कि नियंत्रित बढ़ोतरी से उपभोक्ता व्यवहार पर ज्यादा नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा और राजस्व लक्ष्य हासिल हो जाएगा.