Most Cruel Females In India: ये हैं भारत की सबसे खूंखार महिलाएं, किसी ने बच्चों को मारा तो किसी ने पूरा परिवार किया खत्म
अमरोहा के बावनखेड़ी गांव में 14-15 अप्रैल 2008 में एक ही परिवार के सात लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस केस में शबनम का नाम सामने आया था, जो कि इस परिवार में अकेली जिंदा बची थी. इसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था.
एक ऐसा ही केस केरल का था, जिसमें जॉली जोसेफ नाम की महिला ने फर्जी डिग्रियों और नौकरी के झूठ को छिपाने के लिए अपने ही परिवार के छह लोगों की हत्या कर दी थी. इसमें भी सभी हत्याओं में सायनाइड का इस्तेमाल हुआ था.
फूलन देवी, जिसे दुनिया बैंडिट क्वीन के नाम से जानती है. फूलन देवी का कई अलग-अलग लोगों ने बहुत शोषण किया था. इस वजह से वो परेशान होकर डाकू बन गई थीं और बाद में 1981 में वो उसी गांव में वापस लौटीं और गांव के करीब 21 ठाकुरों को लाइन से खड़ा करके गोलियों से भून दिया था.
केडी केपन्ना जिसको साइनाइड मल्लिका के नाम से भी जाना जाता है, इसे देश की पहली महिला सीरियल किलर के रूप में पहचानते हैं. इसने 1999 में पहली बार किसी महिला की हत्या की थी. इसका उद्देश्य लूटपाट करना था. वो अपने शिकार को साइनाइड वाला पानी पिलाकर मार डालती थी. इसने पांच से ज्यादा हत्याएं की हैं.
सीमा गावित, रेनुका शिंदे और अंजनाबाई गावित ये तीनों मां-बेटियां थीं. इन तीनों ने मिलकर कई जोड़ी बच्चों को मौत के घाट उतारा था. ये इतनी बेरहम थीं कि एक या दो साल के बच्चे का सिर दीवार से लड़ाकर मार देती थीं.
इंदौर में एक नेहा वर्मा नाम की महिला ने एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या करके सभी को चौंका दिया था. वो घर में ब्यूटीशियन बनकर घुसी थी और फिर अपने बॉयफ्रेंड और एक शख्स के साथ मिलकर हत्या की प्लानिंग की थी. तीनों को मौत की सजा मिली थी.
पूर्व गैंगस्टर विजय पलांदे अपनी पत्नी सिमरन सूद जो कि एक मॉडल थी, उसके साथ मिलकर दिल्ली के दो लोगों की हत्या की थी. सिमरन अपने लुक्स के जरिए लोगों को आकर्षित करती थी और फिर उनकी कीमती चीजें लेकर भाग जाती थी.
भारत में महिला सीरियल किलर का सबसे पुराना मामला 1883 का माना जाता है. कोलकाता में एक महिला हुआ करती थी, जो कि शहर के बाहरी इलाके में स्थित काकूरगाची में अपने शिकार को डुबोकर मार देती थी. उसने करीब पांच से ज्यादा हत्याएं की थी.