कौन सा बाबा किस अखाड़े से है, कैसे चलता है पता- क्या इनका भी होता है कोई आईडी कार्ड?
लेकिन कौन सा बाबा किस अखाड़े का है. इस बात का पता कैसे चलता है. क्या अखाड़े की ओर से बाबाओं को कोई आईडी कार्ड जारी किया जाता है. जिससे यह साबित हो सके यह उस अखाड़े के हैं. चलिए आपको बताते हैं.
दरअसल अखाड़े के साधु, संतों और बाबा को पहचानने के लिए एक खास प्रक्रिया होती है. इसके लिए उन्हें एक तरह का आईडी कार्ड या फिर प्रमाण पत्र भी दिया जाता है. जो अखाड़े से उनके जुड़े होने का प्रमाण होता है.
भारत में कुल 13 प्रमुख अखाड़े हैं. इनमें बात की जाए तो शैव अखाड़े, वैष्णव अखाड़े और निर्गुण या उदासीन अखाड़े आते हैं. शैव अखाड़े, जो साधु भगवान शिव को उपासक होते हैं. वैष्णव अखाड़े के साधु विष्णु भगवान के उपासक होते हैं. निर्गुण या उदासीन अखाड़े के साधु वह होते हैं जो किसी एक देवता की पूजा नहीं करते.
बता दें इन सभी अखाड़ों के पास अपने सभी साधु संतों की एक सूची होती है और उनका रिकॉर्ड होता है. जब कोई साधु किसी अखाड़े में शामिल होता है. तो उसे दीक्षा प्रक्रिया पूरी करनी होती है और इसी के आधार पर उसे अखाड़े में शामिल किया जाता है. उसके बाद साधु को अखाड़े का पहचान पत्र और प्रमाण पत्र भी दिया जाता है.
इसमें साधु का धार्मिक नाम. उनके गुरु का नाम और अखाड़े का नाम दर्ज होता है. बता दें इन सभी अखाड़ों के अपने-अपने नियम और कायदे साधुओं को मनाने होते हैं. इनकी निगरानी महामंडलेश्वर करते हैं. जो अखाड़े के प्रमुख संत होते हैं.
महाकुंभ या फिर किसी बड़े धार्मिक आयोजम में कोई फर्जी बाबा बनकर किसी अखाड़े में शामिल न हो जाए. इसलिए भी अखाड़े में आईडी कार्ड वैधता साबित करने के महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है. इसके आधार पर कई सुविधाएं भी मिलती हैं.