Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर धरती पर आएंगे पितर, कैसे करें उन्हें प्रसन्न जानें
मौनी अमावस्या पर व्रत और श्राद्ध करने से पितरों को शांति मिलती है. साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं. इस अमावस्या पर्व पर पितरों की शांति के तर्पण जरुर करें. इससे पितृ दोष समाप्त होता है.
पितरों की नाराजगी दूर करने के लिए मौनी अमावस्या पर ऊनी कपड़े, तिल, जूते-चप्पल आदि का दान करें. मान्यता है इससे जीवन में सौभाग्य का आगमन होता है.
मौनी अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन पीपल के पत्तों पर मिठाई रखकर पितरों को अर्पित करें, इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. उन्हें अन्न प्राप्त होता है.
मौनी अमावस्या के अवसर पर घर में बाहर दक्षिण दिशा में अपने पितरों के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इससे पितरों को अपने लोक लौटने में मदद मिलती है, वह प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.
मौनी अमावस्या तिथि पर हवन करने से राहु का बुरा असर नहीं पड़ता है और नकारात्मक ऊर्जा भी घटती है. इस दिन तिल से हवन करने पर शनि और पितरों की कृपा मिलती है.
अगर आपके विवाहित जीवन में किसी प्रकार की परेशानी चल रही है तो उस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए अमावस्या के दिन आपको स्नान आदि के बाद सबसे पहले शिवलिंग पर जलाभिषेक करना चाहिए. उसके बाद विधिपूर्वक धूप-दीप आदि से शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए.