कितने मुस्लिम देशों में बुर्का पहनने पर पाबंदी, कहां नियम न मानने पर वसूला जाता है जुर्माना
कजाकिस्तान एक 70 फीसदी मुस्लिम आबादी वाला देश है. बावजूद इसके वहां पर बुर्के पर पाबंदी है. इस देश में मुस्लिमों के बाद बड़ी संख्या ईसाई धर्म के लोगों की है.
बुर्का एक अरबी शब्द है, जिसका इस्तेमाल करीब सातवीं शताब्दी से हो रहा है. बुर्का शब्द का असल इस्तेमाल पहले जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए एक पूरी तरह से ढंके जाने वाले कपड़े के लिए होता था.
ऐसा माना जाता है कि पहली बार बुर्का ईरान में पहना गया था. जानकारों की मानें तो इस्लाम धर्म की कई धार्मिक किताबों में बुर्का की जगह पर हिजाब का इस्तेमाल किया गया है.
बुर्का को लेकर पहले भी अलग-अलग देशों में बवाल होता आया है. ज्यादातर पश्चिमी देश इस पर प्रतिबंध लगा चुके हैं. भारत में भी कई शिक्षण संस्थानों या अन्य स्थानों पर बुर्का पर बैन लगाने के लिए विवाद हुआ है.
मुस्लिम देशों में बुर्के के बैन की बात करें तो इस लिस्ट में तुनिशिया, तुर्कमेनिस्तान, चाड, अल्जीरिया, तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान जैसे मुस्लिम देश शामिल हैं.
यूरोप के कई देशों में बुर्के को लेकर बहुत विवाद हो चुका है. जिसके बाद से कई देशों में इसके लिए सख्त कानून लागू होकर प्रतिबंधित किया गया है.यूरोप का पहला देश फ्रांस था, जिसने सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनने पर पाबंदी लगाई थी.
फ्रांस में इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर 150 यूरो का जुर्माना है. वहीं अगर कोई और शख्स किसी महिला को बुर्का पहनने के लिए मजबूर करता है या जोर-जबरदस्ती करता है तो उस पर 30,000 यूरो का जुर्माना है.