परमहंस योगानंद की दिनचर्या: सुबह से रात तक कैसी होनी चाहिए आध्यात्मिक दिनचर्या?
जिस व्यक्ति की दिनचर्या सही होती है, उसका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. आध्यात्मिक गुरु, योगी और संत परमहंस योगानंद ने अपनी किताब योगी कथामृत में बताया है कि आध्यात्मिकता के लिहाज से आपकी दिनचर्या कैसी होनी चाहिए? आइए जानते हैं इसके बारे में.
परमहंस योगानंद अपनी किताब योगी कथामृत में लिखते हैं कि, प्रतिदिन सुबह उठकर अपने आपको याद दिलाएं कि आप ईश्वर की संतान हैं, और चाहे कितनी ही कठिनाइयां क्यों न आ जाएं आप उन पर जीत प्राप्त करने की शक्ति रखते हैं.
उन्होंने अपनी किताब में आगे बताया है कि, नियमित रूप से सुबह उठकर व्यायाम करें, पढ़ें, ध्यान करें, ईश्वर और उसकी बनाई चीजों से प्यार करें तथा हर काम शांति के साथ करें.
परमहंस योगानंद अपनी किताब में लिखते हैं कि, प्रतिदिन सुबह और रात को शांति या गहरे ध्यान में जाने की कोशिश करें. क्योंकि ध्यान ही सत्य और गलत विचारों के बीच सोचने समझने की शक्ति प्रदान करता है.
परमहंस योगानंद अपनी किताब में कहते हैं कि, बिना वजह अपनी बेशकीमती ऊर्जा को नष्ट करने से बचें. मौन होकर भोजन करें, मौन होकर ही कार्य करें क्योंकि ईश्वर को मौन ही पसंद है.
वो आगे बताते हैं कि, हर रात को सोने से पहले थोड़ी देर के लिए बैठो और पूरे दिन के काम पर पुनर्विचार करो, देखो तुम क्या बनते जा रहे हो, क्या तुम्हारा आज का दिन व्यर्थ तो नहीं गया.
परमहंस योगानंद कहते हैं चाहे आपके शरीर को कुछ भी हो जाए, तब भी आपको ध्यान करना है. रात्रि में जब तक ईश्वर से संपर्क न कर लें तब तक सोने नहीं जाएं.