World's Difficult Fast: न हिंदू-न मुस्लिम इस समुदाय के लोग रखते हैं दुनिया का सबसे कठिन व्रत, भारत से है नाता
संथारा उपवास में धीरे-धीरे खाना कम किया जाता है. ठोस भोजन से तरल पदार्थ और उसके बाद पानी तक, जब तक की कुछ भी ना लिया जाए. यह पूरा सफर सांसारिक लगाव को छोड़ने का प्रतीक है.
बाकी उपवास के विपरीत संथारा हफ्तों या फिर महीनों तक चल सकता है. यह व्रत असाधारण धैर्य और सहनशक्ति को दर्शाता है.
संथारा उपवास करने वाले अनुयायी इसे जीवन का सम्मानजनक अंत मानते हैं. वे शरीर के प्राकृतिक अंत के रूप में मृत्यु को खुशी से स्वीकार करते हैं.
लंबे उपवास की वजह से कमजोरी और दर्द होता है लेकिन अनुयायी ध्यान और आत्म चिंतन से इन सभी मुसीबतों का सामना करते हैं. संथारा से सिर्फ शारीरिक परीक्षा ही नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक अनुशासन भी बनता है.
भोजन और पानी के अलावा यह व्रत सभी सांसारिक लगाव जैसे धन, संबंध और महत्वाकांक्षाओं को छोड़ने की मांग करता है. इसका उद्देश्य मन को पूर्ण शांति पहुंचना है.
यह व्रत जैन तपस्या के आदर्शों का उच्चतम रूप है. इस व्रत को करने के लिए असाधारण आत्म नियंत्रण और खुद पर अटूट विश्वास की जरूरत होती है.