आपके पास हैं 1000 करोड़ रुपये तो क्या खरीद सकते हैं पर्सनल फाइटर जेट, जान लें नियम
क्या आपने कभी सोचा है कि भारतीय वायुसेना के आसमान में उड़ने वाले या अमेरिकी आर्मी के पास रहे फाइटर जेट को कोई आम इंसान खरीद सकता है? इसका जवाब है हां, लेकिन यह इतना आसान भी नहीं है.
फाइटर जेट कोई खिलौना नहीं, बल्कि एक हाई-पावर मशीन है, जिसे रखना और उड़ाना बड़ी जिम्मेदारी और भारी खर्च से जुड़ा काम है. सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि कोई भी नागरिक एक्टिव लड़ाकू जेट, यानी जिसमें हथियार सिस्टम या आधुनिक टेक्नोलॉजी लगी हो उसे नहीं खरीद सकता है.
सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के कारण ऐसे विमानों पर सख्त पाबंदी है. इनका इस्तेमाल सिर्फ सेनाओं तक सीमित होता है. लेकिन पुराने या डिमिलिटेराइज्ड ( यानि हथियार हटाए गए) विमानों को कुछ मामलों में निजी तौर पर लोग खरीद सकते हैं. इन्हें अक्सर म्यूजियम, एयर शो या शौकिया उड़ानों के लिए लिया जाता है.
अगर कोई नागरिक ऐसा विमान लेना चाहता है तो उसे सबसे पहले सरकार और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मंजूरी लेनी होती है. आयात-निर्यात लाइसेंस, एविएशन अथॉरिटी की इजाजत और पायलट लाइसेंस जैसी शर्तें पूरी करनी पड़ती हैं. इसके अलावा उस विमान की तकनीकी जांच और सुरक्षा नियमों का पालन भी जरूरी है.
यहां सबसे बड़ी चुनौती है खरीदने और मेंटेनेंस का खर्च. एक पुराने फाइटर जेट को खरीदने के लिए ही लाखों डॉलर देने पड़ सकते हैं. इसके साथ ही हर महीने का ईंधन खर्च, पार्ट्स बदलवाना, इंजीनियरिंग टीम, हैंगर किराया और इंश्योरेंस जैसी लागत भी लाखों रुपये में पहुंच जाती है.
यानी सिर्फ विमान खरीद लेना ही काफी नहीं, बल्कि उसे सुरक्षित तरीके से चलाने और संभालने का खर्च कहीं ज्यादा है. इतिहास में कई मशहूर अमीर हस्तियों ने इस तरह के पुराने विमान खरीदे हैं.
माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक पॉल एलन और अमेजन के मालिक जेफ बेजोस ने भी दुर्लभ सैन्य विमानों को कलेक्शन के लिए लिया था. ये विमान मुख्य रूप से प्रदर्शनियों या निजी म्यूजियम में दिखाए जाते हैं, न कि रोजमर्रा की उड़ानों में इस्तेमाल होते हैं.