ईरान में इतनी उम्र की लड़कियों को हिजाब पहनना है जरूरी, इसे लेकर बेहद सख्त है कानून
साल 2022 में ईरान में हिजाब का मसला बहुत चर्चा में था. असल में तो यह विवाद भारत में शुरू हुआ था, लेकिन ईरान में इसकी खूब चिंगारी भड़की थी. ईरान में महिलाएं हिजाब की अनिवार्यता को हटाने को लेकर आमदा थीं.
ईरान एक वक्त पर बाकी पश्चिमी देशों की तरह खुलेपन के माहौल में जीता था, लेकिन 1979 में जब इस्लामिक क्रांति हुई और देश की कमान संभाली अयातुल्लाह खोमैनी ने. तब से वहां का माहौल बदल गया.
खोमैनी के आने के बाद से वहां पर शरिया कानून लागू हो गया और हिजाब की अनिवार्यता कर दी गई. ईरान में 9 साल की उम्र के बाद से हर महिला को हिजाब पहनना जरूरी है.
इन नियमों का पालन करने के लिए बाकायदा अलग से पुलिस की व्यवस्था भी की गई है. 1980 के दशक की शुरुआत में ईरानी महिलाओं के लिए हिजाब को अनिवार्य कर दिया गया था और इसका उल्लंघन करने पर सख्त सजा थी.
ईरान में जो लोग अनिवार्य रूप से इस नियम का पालन नहीं करते थे, उनको ईरान प्राइमर के अनुसार 5,00,000 रियाल, 74 लैश तक का जुर्माना और दो महीने जेल की सजा मिलती थी.
सिर्फ हिजाब ही नहीं 1979 में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से घटाकर 13 साल कर दी गई थी और 1982 में शादी की उम्र 13 साल से भी कम करके 9 साल कर दी गई थी.
ईरान में यह भी नियम है कि महिलाएं अकेले देश नहीं छोड़ सकती हैं, यहां तक कि अपने पति की लिखित अनुपति के बिना उनको पासपोर्ट भी नहीं मिलेगा. वहीं जो महिलाएं अकेली हैं, उनको पिता से अनुमति लेनी होगी.