फ्लाइट के बिजनेस क्लास में कैसे मिलता है वाईफाई? जानिए किस तकनीक का होता है इस्तेमाल
फ्लाइट में सफर के दौरान आपने गौर किया होगा कि फ्लाइट टेक ऑफ करने से पहले क्रू मेंबर फोन को बंद करने या फ्लाइट में मोड में रखने के लिए कहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि फ्लाइट में वाईफाई कैसे पकड़ता है.
फ्लाइट में एयर-टू-ग्राउंड सिस्टम के जरिए इंटरनेट मिलता है. इस तकनीक में विमान में लगा एक एंटीना जमीन पर मौजूद सबसे नजदीकी टावर से सिग्नल पकड़ता है. हालांकि जब विमान बिना ग्राउंड वाले क्षेत्र यानी समुद्र या चट्टानों से गुजरता है, तो ये सिग्नल नहीं काम करता है.
वहीं फ्लाइट में सैटेलाइट-आधारित वाईफाई सिस्टम है. बता दें कि इसमें सैटेलाइट सीधे विमान पर लगे एंटेना को सिग्नल भेजते हैं. जिसके बाद हवा से जमीन पर आधारित नेटवर्क सैटेलाइट का इस्तेमाल करके सिग्नल को पहले जमीन पर लगे ट्रांसमीटर और फिर विमान में लगे एंटीना तक भेजते हैं.
फ्लाइट में अक्सर इकोनॉमी कोच में वाईफाई नहीं मिलता है, लेकिन बिजनेस क्लास के यात्रियों को मिलता है. इसा कारण खर्च भी है. बिना वाई फाई के कंपनी ऑफर के साथ सस्ते टिकट देते हैं, वाईफॉई की बजह ये टिकच महंगे हो सकते हैं.
वहीं विदेशों में तो इनफ्लाइट वाईफाई की सुविधा काफी लोकप्रिय है. अमेरिका की दो प्रमुख एयरलाइन डेल्टा और यूनाइटेड ने बताया कि हर महीने 1.5 मिलियन से ज्यादा पैसेंजर उनकी इनफ्लाइट वाईफाई सेवा का इस्तेमाल करते हैं. वहीं जेटब्लू एयरलाइंस ने कहा कि हर साल लाखों ग्राहक इसकी सेवा का इस्तेमाल करते हैं.