किसी भी सैटेलाइट को स्पेस में लॉन्च करने की तारीख कैसे तय होती है?
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत ने पिछले कुछ दशकों में काफी तरक्की हासिल की है. पिछले कुछ सालों में भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने कई ऐसे मिशन सफलतापूर्वक पूरे किए हैं. जिनके बारे में भारत वर्षों से प्रयास करता आ रहा था. लेकिन क्या आपको पता है तारीख कैसे निर्धारित की जाती है.
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View In Appअगले साल जनवरी के महीने में भी इसरो एक नया ऐतिहासिक सैटेलाइट लॉन्च करने जा रहा है. जो ब्रह्मांड की रिसर्च में काफी मददगार साबित होगा. भारत दुनिया का दूसरा ऐसा देश बन जाएगा जिसने इस तरह की सैटेलाइट लॉन्च की है
कोई भी सैटेलाइट अंतरिक्ष में लॉन्च की जाती है उससे पहले उसकी एक तारीख निर्धारित की जाती है. चलिए जानते हैं. क्या इसके पीछे कोई वजह होती है या कोई कैलकुलेशन.
दरअसल अंतरिक्ष विज्ञान में इस बात को लेकर सटीक जानकारी नहीं दी गई है. सेटेलाइट लॉन्च करते वक्त डेट किस तरह चुनी जाती है.
अंतरिक्ष का मिशन किस वक्त शुरू किया जाना चाहिए. सैटेलाइट को किस तारीख पर छोड़ना चाहिए. यह बात है पब्लिक डोमेन में नहीं है. अगर अनुमान लगाए तो. इनकी अवधि और समय सीमा तैयारी पर निर्भर करती है.
इसके साथ ही मौसम का भी इसमें दखल होता है. कह सकते हैं कि स्पेस में सैटेलाइट लॉन्च करते वक्त क्या कैलकुलेशन इस्तेमाल की जाती है तारीख तय करने के लिए यह आम जनता के लिए उजागर नहीं किया गया है. ऐसा भी हो सकता है. इसके लिए कोई फार्मूला ना हो और बस जब मिशन की तैयारियां पूरी हो जाएं. उसके हिसाब से ही इसकी तारीख तय कर ली जाती है.
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