जर्मनी में एक महीने किराए पर रहने पर कितना आता है खर्चा, कितना महंगी है यहां कॉस्ट ऑफ लिविंग?
जर्मनी में रहने का खर्च केवल शहर पर नहीं, बल्कि आपके रहने के तरीके पर भी निर्भर करता है. अगर आप अकेले रहते हैं तो औसतन €400 से €1000+ यानी करीब ₹35,000 से ₹90,000+ खर्च हो सकता है.
हॉस्टल या शेयर्ड फ्लैट में यह खर्च €250-€600 के बीच रहता है, जबकि छोटे 1-बेडरूम अपार्टमेंट के लिए €700-€1000+ तक देना पड़ सकता है. बड़े शहर जैसे म्यूनिख और बर्लिन में किराया अधिक है, वहीं लीपजिग और ड्रेस्डेन में यह काफी कम है.
छात्र हॉस्टल सबसे सस्ता विकल्प है, जिसमें प्रति माह €200-€400 खर्च आते हैं. यदि आप शेयर्ड फ्लैट चुनते हैं तो एक कमरा €300-€600 में मिल सकता है. अकेले अपार्टमेंट की कीमत शहर के केंद्र में €900+ हो सकती है, जबकि शहर के बाहर €500-€700+ में अच्छी सुविधा मिल जाती है.
विकल्पों की विविधता हर तरह के बजट और सुविधा अनुसार मौजूद है. जर्मनी में किराए के दो प्रकार होते हैं- ‘कोल्ड रेंट’ यानी सिर्फ कमरे का किराया और ‘वार्म रेंट’ जिसमें हीटिंग और कुछ यूटिलिटीज शामिल होती हैं.
बिजली आमतौर पर अलग से बिल के रूप में आती है. इन खर्चों के अलावा सिक्योरिटी डिपॉजिट भी देना पड़ता है, जो आमतौर पर तीन महीने के कोल्ड रेंट के बराबर होता है. यह राशि घर खाली करने पर वापस मिल जाती है.
महंगे शहरों में रहने की कीमतें काफी ऊंची होती हैं. म्यूनिख, हैम्बर्ग और फ्रैंकफर्ट में अपार्टमेंट किराया अधिक है, वहीं लीपजिग और ड्रेस्डेन में रहने की लागत अपेक्षाकृत कम रहती है. इसलिए नए प्रवासी और स्टूडेंट्स को हमेशा शहर के हिसाब से बजट बनाना पड़ता है.
किराए के अलावा खाने, ट्रांसपोर्ट और रोजमर्रा की जरूरतों को जोड़ें तो औसतन एक महीने का खर्च बड़ा हो सकता है, लेकिन सही योजना और विकल्प चुनकर, €400-€1000+ के भीतर रहना और रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना संभव है, इसलिए जर्मनी में रहने का अनुभव बजट के अनुसार काफी नियंत्रित किया जा सकता है.